Edited By swetha,Updated: 12 Dec, 2019 04:30 PM
गिद्दड़पिंडी पुल से लेकर शाहकोट तक धुस्सी बांध को मजबूत किया जा रहा है।
सुल्तानपुर लोधी(धीर/सोढी): गिद्दड़पिंडी पुल से लेकर शाहकोट तक धुस्सी बांध को मजबूत किया जा रहा है। अब तक 20 किलोमीटर के करीब धुस्सी बांध को मजबूत किया जा चुका है। बाढ़ से पीड़ित किसान पर्यावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की अध्यक्षता में बांध मजबूत करने में लगे हुए हैं। गट्टी पीर बख्श के पूर्व सरपंच सुखविन्द्र सिंह जोसन, महिराजवाला के सरपंच कुलवंत सिंह, जाणिया चाहल से मेजर सिंह, गुरमेल सिंह और राजेवाल से पूर्व सरपंच मलकीत सिंह की अध्यक्षता में 3 जगहों पर बांध को मजबूत करने के लिए कार सेवा चल रही है। धुस्सी बांध पर रोजाना 35 से 40 ट्रॉलियां लगी हुई हैं और 3 क्रेनें भी दरिया में से मिट्टी निकालने के लिए लगाई गई हैं। सभी मशीनरी को तेल मुहैया करवाने की जिम्मेदारी संत सीचेवाल खुद निभा रहे हैं, जबकि किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियां लेकर बांध को मजबूत करने के लिए अपना योगदान दे रहे हैं।
गटी पीर बख्श की संगत ने एक लाख रुपए और ट्रैक्टर-ट्रॉलियां बांध की मजबूती के लिए लगाई हुई हैं। कंग कला के एन.आर.आई. निर्मल सिंह कंग ने एक लाख और लुधियाना जिले के गांव आबूवाल की संगत ने 1 लाख 29 हजार की आॢथक मदद की है। जानकारी के अनुसार पिछले 3 महीनों से अब तक 40 लाख का डीजल बांध की मजबूती के लिए लग चुका है। किसानों की जमीनें समतल बनाने के लिए 175 के करीब ट्रैक्टर चलते रहे थे। बांध को मजबूत करने के लिए लगे किसानों का मानना था कि केन्द्र सरकार की ओर से पंजाब के दरियाओं के बांध को मजबूत करने के लिए भेजे 6,000 करोड़ रुपए से अधिक फंड
प्राकृतिक आपदा बाढ़ आने से पहले खर्च किए जाएं, न कि उनको मुआवजे के रूप में तबाही के बाद बांटा जाए।बाढ़ का कारण बनती रुकावटें भी दूर हो रही हैं और कमजोर धुस्सी बांध को उसी मिट्टी के साथ चौड़ा और ऊंचा कर मजबूती दी जा रही है, ताकि वह आने वाले समय में बांध टूटे न, इन सेवा कार्यों में एन.आर.आई. और पंजाबभर की संगत तन, मन व धन से पूरा सहयोग कर रही है। धुस्सी बांध की मजबूती के लिए बाढ़ पीड़ित गांवों के लोग संत सीचेवाल के साथ कंधे-से-कंधा मिलाकर दिन-रात कड़ी मेहनत कर रहे हैं। लोग एक साथ मिलकर सतलुज दरिया के तल को साफ करें और धुस्सी बांध को मजबूत बनाने के किए जा रहे प्रयासों के साथ लोकशक्ति का नया इतिहास बनें।