Edited By Anjna,Updated: 20 Apr, 2018 03:07 PM
एक समय था जब भारत को सोने की चिडिय़ा और धर्म-कर्म वाली धरती जैसे नामों से जाना जाता था, लेकिन अब इतना खराब समय आ गया है कि इस देश में जगह-जगह हवस के दरिंदे बसते हैं जो लड़कियों और छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत करते हैं। आए...
फगवाड़ा(अभिषेक): एक समय था जब भारत को सोने की चिडिय़ा और धर्म-कर्म वाली धरती जैसे नामों से जाना जाता था, लेकिन अब इतना खराब समय आ गया है कि इस देश में जगह-जगह हवस के दरिंदे बसते हैं जो लड़कियों और छोटी-छोटी मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म जैसी घिनौनी हरकत करते हैं। आए दिन सुनने को मिलता है कि बड़े-बड़े महानगरों से लेकर छोटे गांवों और कस्बों तक हर जगह लड़कियां व छोटी बच्चियां इस दरिंदगी का शिकार हो रही हैं और इसकी रोकथाम आज समय की एक महत्वपूर्ण मांग बन चुकी है। आज के दौर में देश में लड़कियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। इसके चलते रात के समय तो बच्ची को बाहर भेजने से मां-बाप डरते हैं।
लड़कियों का अकेले घर से निकलना भी दुश्वार हो चुका है। सबसे शर्मनाक बात तो यह है कि कुछ मामलों को सुनने के बाद पता चलता है कि खुद कानून के रखवाले भी ऐसी घिनौनी हरकतों में संलिप्त रहते हैं जिसे देखने के बाद प्रशासन से जनता का भरोसा ही उठ जाता है और साथ-साथ लड़कियों के मन में और भी डर बैठ जाता है। भारत दुनिया की सबसे ज्यादा आबादी वाले देशों में से एक है और यहां दुष्कर्म के मामलों की संख्या भी बहुत ज्यादा देखने को मिलती है।
इसके बावजूद जब न्याय व्यवस्था की बात करें तो देश के सिस्टम की कमर टूटी नजर आती है। अगर इस अभिशाप से हमारे देश को मुक्त होना है तो भारत को भी अरब देशों की तरह दुष्कर्म करने वाले दोषियों के लिए कठोर कानून बनाने चाहिएं ताकि देश की बच्चियों से आए दिन हो रहे इस अन्याय को रोका जा सके ।