Edited By Mohit,Updated: 09 Dec, 2018 09:32 PM
गत दिनों गांव सिधवां दोनां, कपूरथला में एक धार्मिक स्थान पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी करने के मामले में नामजद आरोपी को कई दिनों की कड़ी मश्कत के बाद काबू कर लिया गया। धार्मिक स्थान का सेवादार ही मामले का आरोपी निकला। थाना सदर पुलिस की ओर से आरोपी से...
कपूरथला (मल्होत्रा): गत दिनों गांव सिधवां दोनां, कपूरथला में एक धार्मिक स्थान पर धार्मिक ग्रंथ की बेअदबी करने के मामले में नामजद आरोपी को कई दिनों की कड़ी मश्कत के बाद काबू कर लिया गया। धार्मिक स्थान का सेवादार ही मामले का आरोपी निकला। थाना सदर पुलिस की ओर से आरोपी से पूछताछ की जा रही है।
गौरतलब है कि थाना सदर की पुलिस ने गांव सिधवां दोनां के भगवान वाल्मीकि मन्दिर के सेवादार की शिकायत पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिसकी शिकायतकर्ता प्रितपाल सिंह पुत्र देस राज निवासी गांव सिधवां दोनां कपूरथला ने बताया कि वह 2 दिसम्बर की शाम को मन्दिर में पूजा पाठ करने के बाद भगवान वाल्मीकि जी के ग्रंथ, रुमाला साहिब में पालकी में रख कर मन्दिर के दरवाजे को ताला लगा कर गया था। जब वह अगली सुबह मंदिर में पाठ करने आया, तो दरवाजा खुला हुआ था, वहां पालकी साहिब में भगवान वाल्मीकि जी का योग वशिष्ट ग्रंथ नहीं था और न ही पालकी साहिब के आगे रही गौलक थी। कमरे में पड़ी लकड़ी की अलमारी में छोटे कम्बल व 6 रुमाले भी नहीं थे।
मौके पर आए गणमान्य सज्जनों ने देखा कि मन्दिर की चारदीवारी के पास ग्रंथ योग वशिष्ट को आग लगी हुई थी। शिकायतकर्ता की ओर से बताया गया कि यह आग किसी शरारती अनसर की ओर से लगाई गई है और धार्मिक सामान चोरी कर फरार हो गया है। पुलिस की ओर से मामले को गंभीरता के साथ लेते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच शुरु कर दी है। पड़ताल के बाद यह सामने आया कि मंदिर के सेवादार प्रितपाल सिंह ही मुख्य आरोपी है। जब आरोपी को गिरफ्तार करके उससे पूछताछ की तो आरोपी ने अपना अपराध स्वीकार करते हुए बताया कि उसने मन्दिर की आमदन कम होने के कारण यह सोची समझी साजिश के तहत हरकत की है। पुलिस ने आरोपी को माननीय अदालत में पेश कर दिया है।