Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Apr, 2018 03:37 PM
जब तक बच्चे स्कूल से पढ़कर घर वापस नहीं आ जाते तब तक माता-पिता को उनकी चिंता सताती रहती है। कारण यह है कि लगभग 80 प्रतिशत बच्चे अब स्कूली बसों व वैनों द्वारा स्कूल जाते हैं।
सुल्तानपुर लोधी(धीर): जब तक बच्चे स्कूल से पढ़कर घर वापस नहीं आ जाते तब तक माता-पिता को उनकी चिंता सताती रहती है। कारण यह है कि लगभग 80 प्रतिशत बच्चे अब स्कूली बसों व वैनों द्वारा स्कूल जाते हैं। स्कूली बसों द्वारा माननीय हाईकोर्ट के आदेशों की परवाह नहीं की जाती व प्रशासन भी सिर्फ मीडिया में खबर छपने के बाद कुछ देर के लिए ही हरकत में आता है। पंजाब केसरी ने पहले भी कई बार सेफ स्कूल बस सेवा संबंधी प्रशासन को सतर्क किया है। इस संबंधी पंजाब केसरी ने विभिन्न लोगों के साथ बात की।
स्कूलों द्वारा बच्चों को घर से लाने व ले जाने के लिए प्राइवेट वाहनों को कांट्रैक्ट पर लिया जाता है एवं यह वाहन सेफ स्कूल अधीन नहीं आते एवं न ही हाईकोर्ट के निर्देशों अनुसार शर्तें पूरी करते हैं जबकि स्कूलों द्वारा पहले ही माता-पिता से हस्ताक्षर करवा लिए जाते हैं कि हम अपनी मर्जी से बच्चों को स्कूल बस या वैन में भेज रहे हैं अर्थात स्कूल की जिम्मेदारी कोई नहीं है।
सुरजीत सद्धूवाल