सरकार की सख्ती से अवैध खनन पर लगी लगाम, प्रशासन चौकस

Edited By Punjab Kesari,Updated: 19 Mar, 2018 11:30 AM

kapurthala news

मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब में रेत के अवैध खनन के खिलाफ की गई सख्ती के बाद जिला कपूरथला में सफेद रेत मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में रेत माफिया ने आम जनता से लूट शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री की सख्ती के कारण कई स्थानों से अवैध खनन...

सुल्तानपुर लोधी (सोढी, रूपिंद्र कौर): मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा पंजाब में रेत के अवैध खनन के खिलाफ की गई सख्ती के बाद जिला कपूरथला में सफेद रेत मिलना मुश्किल हो गया है। ऐसे में रेत माफिया ने आम जनता से लूट शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री की सख्ती के कारण कई स्थानों से अवैध खनन पर रोक लग गई है। वहीं जिलाधीश कपूरथला द्वारा दरिया ब्यास के साथ लगते गांवों का दौरा करने के बाद स्थानीय सिविल व पुलिस विभाग द्वारा भी इस मामले में सख्त रवैया अपनाया जा रहा है। पहले इस क्षेत्र में भी कुछ स्थानों पर कथित तौर पर माइनिंग विभाग व पुलिस के साथ मिलकर अवैध माइनिंग का धंधा जोरों पर चलता था और रेत से भरी ट्रालियां विभिन्न स्थानों पर रोज उतरती थीं, लेकिन अब सरकार की सख्ती के कारण माइनिंग का अवैध कारोबार एक बार लगभग बंद हो गया है।

पंजाब की विभिन्न खड्डों से अब सीधे टिप्परों व ट्रालियों की भराई भी कम हो गई है। अब कुछ खड्डों से ही टिप्परों द्वारा रेत शहरों में लाई जा रही है और शहरों में डंप की गई रेत आगे बेची जा रही है। क्षेत्र के बिल्डिंग ठेकेदारों का कहना है कि सरकार की सख्ती के कारण रेत के भाव आसमान छूने लगे हैं। एक बिल्डिंग मजदूर ने बताया कि जो टिप्पर पहले 8 हजार रुपए में बिकता था अब उसका बाजार में मूल्य 25 हजार से भी अधिक पहुंच गया है। रेत बाजार के मुताबिक जिन लोगों के निर्माण के कार्य इस समय चल रहे हैं उनको मजबूरीवश महंगी दामों पर रेत खरीदनी पड़ रही है। सुल्तानपुर लोधी के चौक चेलियां वाला में लगती मजदूरों की मंडी में अब राज मिस्त्री व दिहाड़ीदार दोपहर तक काम न मिलने के कारण घरों को खाली हाथ लौटने को मजबूर हो रहे हैं।

पंजाब निर्माण मजदूर यूनियन के अध्यक्ष सत्य नारायण मेहता ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से मांग की कि रेत की कालाबाजारी व दिन-ब-दिन बढ़ रहे रेटों को रोकने के लिए योग्य प्रयास किए जाएं, ताकि आम लोग अपने घरों का निर्माण करवा सकें। उन्होंने कहा कि अगर ऐसे हालात रहे तो पंजाब में सभी विकास कार्य ठप्प हो जाएंगे। 

माफिया ने सतलुज के धुस्सी बांध को भी पहुंचाया नुक्सान
मुख्यमंत्री के आदेशों पर बेशक सतलुज दरिया पर माइनिंग घटी होगी पर धुस्सी बांध को जो नुक्सान हुआ है उसको भर पाना मुश्किल है। कई स्थानों पर वृक्षों को नुक्सान हुआ है। इससे आस-पास के गांवों को नुक्सान होने का खतरा पैदा हो गया है। सड़कें टूट गई हैं।  

1600 की ट्राली 4 से 5 हजार में मिल रही
रेत माफिया की वजह से लोगों को पिछले दिनों एक रेत की ट्राली 1,600 रुपए में बिक रही थी लेकिन आज वही ट्राली बोली के रेट में बिक रही है। करीब 4 से 5 हजार का रेट दुकानदारों द्वारा लगाया जा रहा है। दुकानदारों का कहना है कि पिछले दिनों छापेमारी के डर से ही रेत के टिपर महंगे हो गए हैं, जो टिप्पर 7 हजार रुपए था वही टिप्पर अब 27 हजार में हम खरीद रहे हैं और हमने भी कुछ कमाना है। 

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