Edited By bharti,Updated: 22 Aug, 2018 01:14 PM
किसान संघर्ष कमेटी पंजाब द्वारा केंद्र व पंजाब सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध...
कपूरथला, (गुरविंद्र कौर): किसान संघर्ष कमेटी पंजाब द्वारा केंद्र व पंजाब सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के विरोध व अपनी हकी मांगों संबंधी 3 दिवसीय पक्का मोर्चा डी.सी. दफ्तर कपूरथला समक्ष परमजीत सिंह खालसा, मुख्तयार सिंह मुंडी छन्ना, मिलखा सिंह अमृतपुर व हाकम सिंह गांव शाहजहापुर की अध्यक्षता में शुरू किया गया। इस मौके पर उपस्थित किसानों व मजदूरों ने अपनी मांगों संबंधी नारेबाजी की।
मोर्चे में पंजाब खजांची गुरलाल सिंह पंडोरी व सतविंद्र सिंह सिंधवा ने कहा कि केंद्र की मोदी व पंजाब की कैप्टन सरकार किसानों, मजदूरों के लिए घातक साबित हुई है। दोनों सरकारों ने चुनाव दौरान लोगों के साथ कई वायदे किए थे, परंतु दोनों सरकारें सत्ता संभालते ही अपने वायदों से मुकर गई हैं, जिसको बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को हल न किया गया तो 23 अगस्त को रेलों का चक्का जाम किया जाएगा।
ये हैं मुख्य मांगें
किसानों व मजदूरों का कर्जा खत्म किया जाए।
डा. स्वामीनाथन कमीशन की रिपोर्ट लागू की जाए।
हर प्रकार के आबादकारों को पक्के मालिकी हक दिए जाए।
गन्ने की बकाया राशि तुरंत जारी की जाए।
नौजवानों को रोजगार दिया जाए।
गरीबों को घर बनाने के लिए प्लाट व ग्रांट दी जाए।
बुढ़ापा पैंशन 2000 रुपए प्रति महीना किया जाए।
मंड इलाके में बाढ़ से प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाए।
मनरेगा स्कीम में 100 दिन रोजगार देने की गारंटी दी जाए।
कंस्ट्रक्शन बोर्ड द्वारा रजिस्टर लाभपात्रियों को तुंरत लाभ दिया जाए व बोर्ड में अन्य कर्मचारी भर्ती किए जाएं।
ठेके पर रखे कर्मचारियों को पक्का किया जाए।
नीले कार्डधारकों को गेहूं का पिछला बकाया दिया जाए, इसके साथ-साथ वायदे अनुसार घी, चीनी, पत्ती, दाले आदि दी जाएं।
बिजली एक रुपए प्रति यूनिट की जाए।
एस.सी. भाईचारे व गरीब लोगों को दी 3 हजार वाॢषक यूनिट की सुविधा अनुसार इन यूनिट के अलावा जितनी भी यूनिट इस्तेमाल होते हैं, उनका ही बिल लिया जाए।