कुत्तों के काटने से लोग परेशान, सिविल अस्पताल में नहीं एंटी रैबीज इंजैक्शन

Edited By swetha,Updated: 18 Nov, 2018 10:51 AM

dog bites

शहर के हर हिस्से में कुत्तों के झुंड दिखाई दे रहे हैं। बाहरी बस्तियों में कुत्तों की अधिक भरमार है, जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है। महानगर में घूमते ये खूंखार कुत्ते बच्चों, बढ़ों को लगातार निशाना बना रहे हैं। लगभग हर रोज कहीं न कहीं पर किसी...

फगवाड़ा (रुपिंदर कौर): शहर के हर हिस्से में कुत्तों के झुंड दिखाई दे रहे हैं। बाहरी बस्तियों में कुत्तों की अधिक भरमार है, जिससे लोगों का जीना दूभर हो गया है। महानगर में घूमते ये खूंखार कुत्ते बच्चों, बढ़ों को लगातार निशाना बना रहे हैं। लगभग हर रोज कहीं न कहीं पर किसी व्यक्ति को कुत्ते द्वारा काटे जाने की सूचना मिलती है, जिस कारण लोगों में दहशत का माहौल है। सिविल अस्पताल में कुत्तों द्वारा काटे जाने के मामले प्रतिदिन सामने आ रहे हैं। सिविल अस्पताल में एंटी रैबीज इंजैक्शन के अभाव में लोग निजी अस्पतालों में ही उपचार करवाने को तरजीह देते हैं। 

पीड़ित अमरिंद्र सिंह ने बताया कि उसे करीब एक माह पहले कुत्ते ने काट लिया था, लेकिन सिविल अस्पताल में उसे इंजैक्शन उपलब्ध नहीं हो सके, इस कारण उसे बाहर से इंजैक्शन लगवाने पड़े। लोगों ने मांग की है कि सिविल अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में इंजैक्शन उपलब्ध करवाए जाएं, ताकि पीड़ित व्यक्ति को यह सुविधा मिल सके। हालांकि एस.एम.ओ. ने टीके उपलब्ध होने की पुष्टि की है। प्रशासन द्वारा भी कुत्तों की भरमार पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिससे लोग बेहद परेशान हैं। लोगों ने मांग की है कि कुत्तों को पकड़ कर किसी जगह एकत्र करके रखा जाए ताकि लोगों को कुछ राहत मिल सके।

नगर निगम की ओर से कुत्तों की संख्या को काबू में रखने के लिए नसबंदी मुहिम चलाई जाती है, लेकिन वह भी बिना किसी ठोस परिणाम के अधर में लटक जाती है। कुत्तों की नसबंदी करने का ठेका किसी निजी कंपनी को देने का भी प्रावधान है, लेकिन यह प्रोसैस काफी महंगा होने के कारण कुत्तों की नसबंदी नहीं हो पाती व यह योजना फ्लाप हो जाती है। कुछ समय पहले भी निगम ने इस संबंघी योजना बनाई थी लेकिन वह भी अभी अधर में है। इसके ठोस जवाब के लिए निगम के उच्च अधिकारी हमेशा मौन रहते हैं।

 

नसबंदी के बजट पास के लिए भेजा हुआ है प्रस्ताव: निगम सहायक कमिश्नर
 इस मामले संबंधी जब निगम उच्चाधिकारियों से बात करनी चाही तो पता चला की वे तो छुट्टी पर हैं और निगम सहायक कमिश्नर सुरजीत सिंह ने बताया कि मीटिंग में नसबंदी के बजट पास के लिए प्रस्ताव तो भेजा हुआ है लेकिन अभी तक सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं आया है। 
 

सिविल अस्पताल के खजाने में हैं एंटी रैबीज इंजैक्शन: एस.एम.ओ. 
एंटी रैबीज इंजैक्शन के संबंधी जब सिविल अस्पताल के एस.एम.ओ. डा. देविंद्र सिंह से बात की गई तो वह खुद इस समस्या से परेशान नजर आए लेकिन सरकारी नियमों के अभाव को नजर में रखते हुए उन्होंने बताया कि कुत्तों के काटने वाले मरीज प्रतिदिन लगभग 15 तक की संख्या तक आ ही जाते हैं और हर एक मरीज को 4 इंजैक्शन लगते हैं। अभी तो हमारे खजाने में इंजैक्शन हैं लेकिन मरीजों की संख्या बढऩे के कारण जल्दी खत्म भी हो जाते हैं। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि इस समस्या पर युद्धस्तर पर सोच विचार और निर्णय लेने की जरूरत है। 

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