World Hypertension Day: साइलैंट किलर है हाई ब्लड प्रैशर

Edited By Bhupinder Ratta,Updated: 17 May, 2018 10:15 AM

world hypertension day

शरीर की प्रत्येक कोशिका को पोषण एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति धमनियों के जरिए प्रवाहित होने वाले रक्त द्वारा होती है जबकि महाधमनियों में रक्त पहुंचाने का कार्य हृदय करता है, चूंकि इस क्रिया के लिए हृदय फोर्स के साथ रक्त को महाधमनियों में पहुंचाता है, जिससे...

शरीर की प्रत्येक कोशिका को पोषण एवं ऑक्सीजन की आपूर्ति धमनियों के जरिए प्रवाहित होने वाले रक्त द्वारा होती है जबकि महाधमनियों में रक्त पहुंचाने का कार्य हृदय करता है, चूंकि इस क्रिया के लिए हृदय फोर्स के साथ रक्त को महाधमनियों में पहुंचाता है, जिससे धमनियों में रक्त का एक दबाव बनता है, जिसको ब्लड प्रैशर कहते हैं। शरीर में रक्त संचार के लिए एक निश्चित दबाव जरूरी होता है। जब यह दबाव बढ़ जाता है तो शरीर की बारीक रक्त वाहिनियों में सिकुडऩ आ जाती है, जिसके फलस्वरूप व्यक्ति का ब्लड पै्रशर हाई हो जाता है।

ब्लड पै्रशर को अगर कंट्रोल न किया जाए तो धीरे-धीरे यह बढ़ता जाता है जोकि बाद में हार्ट अटैक, ब्रेन हैमरेज, ब्रेन अटैक, किडनी फेल होने एवं अन्य कई बीमारियों का कारण बनता है। हाई ब्लड प्रैशर (हाइपरटैंशन) को साइलैंट किलर इसलिए कहा जाता है, क्योंकि शुरू में इसके कोई खास लक्ष्ण नहीं होते। जब कोई व्यक्ति किसी बीमारी के कारण डाक्टर के पास जाता है तो जांच में पता चलता है कि उसे हाई ब्लड प्रैशर की समस्या भी है। हाई ब्लड प्रैशर बारे लोगों को जागरूक करने हेतु पूरे विश्व में 14 मई 2005 को पहली बार हाइपरटैंशन डे मनाया गया और 17 मई 2006 से यह दिवस हर साल मनाया जाता है।

जीवनशैली ठीक न होना हाई ब्लड प्रैशर का मुख्य कारण : डा. विजय महाजन 
टैगोर अस्पताल के प्रबंध निदेशक डा.विजय महाजन ने बताया कि जीवनशैली ठीक न होना जहां हाई ब्लड प्रैशर का मुख्य कारण है, वहीं पारिवारिक हिस्ट्री, मोटापा, शूगर, नमक एवं शराब का ज्यादा सेवन भी व्यक्ति को इसकी चपेट में ले आते हैं। डा. महाजन ने बताया कि हाई ब्लड पै्रशर के रोगी को हार्ट अटैक का खतरा आम रोगियों की तुलना में कहीं ज्यादा होता है। 

तनाव व ज्यादा गुस्सा भी हाई ब्लड प्रैशर का कारण होता है : डा. संदीप गोयल
एन.एच.एस. (नासा एंड हब सुपर स्पैशलिटी) अस्पताल के प्रमुख न्यूरोलॉजिस्ट डा. संदीप गोयल ने बताया कि तनावग्रस्त जीवनशैली व ज्यादा गुस्सा करना भी हाई ब्लड प्रैशर का एक कारण हो सकता है। ब्रेन हैमरेज एवं ब्रेन अटैक का एक मुख्य कारण हाई ब्लड प्रैशर भी हो सकता है। 

ब्लड प्रैशर पर नियंत्रण जरूरी : डा. चंद्र बौरी 
बौरी मैडीकल सैंटर व इन्नोसैंट हार्ट्स मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल के डा. चंद्र बौरी ने बताया कि हाई ब्लड प्रैशर कई अन्य गम्भीर रोगों का कारण बनता है, इसलिए इन बीमारियों से बचाव हेतु ब्लड प्रैशर पर नियंत्रण बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि इस पर नियंत्रण पाने हेतु दवाइयों के साथ-साथ परहेज व नियमित व्यायाम जरूरी है।

नियमित रूप से ब्लड प्रैशर चैक करवाते रहना जरूरी : डा. अजय मरवाहा 
श्रीमन सुपर स्पैशलिटी अस्पताल के नैफरोलॉजिस्ट डा.अजय मरवाहा ने बताया कि हाई ब्लड प्रैशर वाले रोगी को किडनी रोग होने ही सम्भावना आम रोगियों  की तुलना में 80 प्रतिशत ज्यादा होती है, क्योंकि हाई ब्लड प्रैशर सीधा किडनियों पर असर करता है। डा. मरवाहा ने कहा कि नियमित रूप से ब्लड प्रैशर चैक अवश्य करवाते रहना चाहिए। 
इन बातों का रखें ख्याल 
-नमक, पापड़, अचार का सेवन नाममात्र करें।
-नियमित सैर एवं व्यायाम करें
-शूगर कंट्रोल में रखें
-मोटापा कम करें
-शराब का सेवन व धू्रमपान न करें।

 

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