Edited By Anjna,Updated: 15 Jun, 2018 10:46 AM
किसी भी देश की तरक्की के लिए उस देश के शिक्षातंत्र का दुरुस्त होना बहुत जरूरी होता है। भारत में भी सरकारों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं।
जालंधर (सुमित): किसी भी देश की तरक्की के लिए उस देश के शिक्षातंत्र का दुरुस्त होना बहुत जरूरी होता है। भारत में भी सरकारों द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई तरह से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी के तहत यू.जी.सी. द्वारा भी एग्जाम पैटर्न में बदलाव करने का विचार बनाया जा रहा है। यू.जी.सी. द्वारा परीक्षा प्रणाली में बदलाव के लिए शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों से राय मांगी है कि अगर परीक्षा प्रणाली में बदलाव किए जाएं तो वे किस तरह से होने चाहिए।
शिक्षाविदों को अपनी राय भेजने के लिए 22 जून तक का समय दिया गया है। इसके बाद ही अगला कोई निर्णय लिया जाएगा। गौरतलब है कि यू.जी.सी. के अधीन देशभर के 800 से भी अधिक विश्वविद्यालय और उनसे संबंधित हजारों महाविद्यालय आते हैं। अगर परीक्षा प्रणाली में बदलाव होते हैं तो पूरे देश की उच्च शिक्षा प्रणाली में इनका असर देखने को मिलेगा और विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को पहले से ही होने वाले बदलावों के लिए तैयार रहना होगा।