जिले में कब शुरू होगा हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेटों का काम, असमंजस बरकरार

Edited By Vatika,Updated: 23 Oct, 2018 01:31 PM

transport department

जालंधर जिले के अंदर सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेटें लगाने का काम कब शुरू होगा, इसको लेकर फिलहाल असमंजस वाली स्थिति बरकरार है क्योंकि परिवहन विभाग द्वारा नंबर प्लेटें लगाने वाली कंपनी को इस काम के लिए जगह अलाट करने में देरी हो रही है जबकि...

जालंधर(अमित): जालंधर जिले के अंदर सभी वाहनों पर हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेटें लगाने का काम कब शुरू होगा, इसको लेकर फिलहाल असमंजस वाली स्थिति बरकरार है क्योंकि परिवहन विभाग द्वारा नंबर प्लेटें लगाने वाली कंपनी को इस काम के लिए जगह अलाट करने में देरी हो रही है जबकि माननीय अदालत के आदेशानुसार जारी की गई डैडलाइन निरंतर नजदीक आती जा रही है। 

प्राप्त जानकारी के अनुसार निजी कंपनी के जोनल हैड पिछले हफ्ते 2 बार सैक्रेटरी आर.टी.ए. के दफ्तर में चक्कर लगा चुके हैं मगर उनसे मुलाकात न होने की वजह से मौजूदा समय में इस बात को लेकर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ है कि आखिर नंबर प्लेटें लगाने का काम कहां शुरू किया जाएगा? क्या पहले वाली जगह यानी कि पंजाब रोडवेका वर्कशाप गढ़ा फाटक के नजदीक ही इस काम को किया जाएगा या नहीं? क्या नंबर प्लेटें लगाने के लिए अनिवार्य फीस डी.ए.सी. में किसी जगह रिसीव की जाएगी या फिर शहर में किसी अन्य जगह इसके लिए विशेष काऊंटर स्थापित किए जाएंगे? यह कुछ ऐसे सवाल हैं, जब तक इनका जवाब नहीं मिल जाता तब तक यह कहना मुमकिन नहीं होगा कि जिले में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेटें लगाने का काम कब तक शुरू हो पाएगा। 

गौर हो कि प्रदेश सरकार द्वारा 01-10-2018 को एक आदेश जारी करते हुए लगभग 3 साल और 261 दिन के बाद एग्रोस इंपैक्स (आई) प्राइवेट लिमिटिड कंपनी को दोबारा से उक्त काम करने के लिए कहा गया है। लगभग & साल पहले 13 जनवरी, 2015 को तत्कालीन प्रदेश सरकार ने हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट बनाने वाली कंपनी का एग्रीमैंट तुरंत प्रभाव से टर्मिनेट करने का आदेश जारी किया था क्योंकि उस समय प्रदेश में अधिकतर जिलों से कंपनी के खिलाफ कई शिकायतें प्राप्त हो रही थीं। सरकार के फैसले के खिलाफ कंपनी ने माननीय अदालत में याचिका दायर कर दी थी जिसके परिणामस्वरूप कंपनी का काम दोबारा बहाल हो रहा है।

कंपनी कब और कैसे शुरू करेगी काम?
सरकार द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि दावेदार कंपनी (एग्रोस इंपैक्स) प्रदेश में 4 हफ्ते के अंदर अपना काम दोबारा शुरू करेगी। 8 हफ्ते के अंदर प्रदेश के सारे 22 जिलों में काम शुरू करना होगा और उसके उपरांत अगले 8 हफ्तों में सभी डीलरों और सरकार द्वारा नोटीफाइड रजिस्टर्ड अथारिटीज के पास भी काम शुरू करना होगा। 2019 की शुरूआत से कंपनी द्वारा हर वाहन डीलर के पास इस काम को शुरू कर दिया जाएगा ताकि वाहन डीलर के पास से हर गाड़ी नम्बर प्लेट लगने के बाद ही सड़क पर जा सके। जिन वाहन मालिकों ने हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेटों के लिए 01 दिसम्बर, 2014 से 13 जनवरी, 2015 तक पैसे जमा करवाए थे उन्हें प्लेटें लगाने के काम में प्राथमिकता दी जाएगी। इसके लिए वह अपनी ओरीजनल रसीद दिखा सकते हैं या फिर कंपनी द्वारा दी गई लिस्ट आर.टी.ए. और एस.डी.एम. दफ्तर के नोटिस बोर्ड पर लगाई जाएगी। 

स्मार्ट चिप के कर्मचारियों से बनाई जाएगी दूरी
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग के अंदर करप्शन का दूसरा नाम बन चुके स्मार्ट चिप के सारे कर्मचारियों से दूरी बनाकर रखी जाएगी। इस बात को लेकर एहतियात बरती जा रही है कि किसी भी कीमत पर कोई स्मार्ट चिप का पूर्व या मौजूदा कर्मचारी उनके पास काम न करे क्योंकि कंपनी का यह मानना है कि अपनी छवि को साफ-सुथरा रखने के लिए नए कर्मचारियों पर ही भरोसा करना बेहतर साबित होगा। एस.डी.सी. के साथ मीटिंग में तय होगा प्लेटें लगाने के लिए शैड्यूल इस महीने के अंत तक एस.डी.सी. के साथ निजी कंपनी द्वारा मीटिंग करके इस बात का फैसला लिया जाएगा कि ओल्ड सीरीज की नंबर प्लेटें फिट करने के लिए क्या शैड्यूल तैयार किया जाए। इसको लेकर पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी और सीक्वैंस किसी भी हाल में ब्रेक नहीं की जाएगी।
 

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