RTA दफ्तर में बड़े एजैंट हुए बेलगाम, बड़े स्तर पर बना रहे जाली NCRB रिपोर्ट

Edited By Vatika,Updated: 28 May, 2018 10:48 AM

transport department

परिवहन विभाग में कब क्या हो जाए, किसी को कुछ पता नहीं। हर महीने करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाले बड़े एजैंट अपने ऊंचे रसूख और तगड़ी सैटिंग के दम पर सरेआम गलत कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए हैं।

जालंधर(अमित): परिवहन विभाग में कब क्या हो जाए, किसी को कुछ पता नहीं। हर महीने करोड़ों के वारे-न्यारे करने वाले बड़े एजैंट अपने ऊंचे रसूख और तगड़ी सैटिंग के दम पर सरेआम गलत कार्यों को अंजाम देने में लगे हुए हैं। इसी कड़ी में एक नया खुलासा हुआ है जिसमें पूरी तरह से बेलगाम हो चुके बड़े एजैंट बाहरी राज्यों से लाकर प्रदेश में बेची जाने वाली गाडिय़ों की आर.सी. बनाने के लिए अनिवार्य दस्तावेज एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट को अपने दफ्तर में ही कम्प्यूटर सिस्टम पर बनाकर आवेदन के साथ लगा रहे हैं। सूत्रों के अनुसार जाली एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट के दम पर बाहरी राज्यों से लाकर पंजाब में बेचे जाने वाले चोरी के वाहनों के लिए खुलकर इस्तेमाल किया जा रहा है। बिना पुलिस विभाग से चैक करवाए ही एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट आवेदन के साथ स्वीकार की जा रही है जिसका एजैंट अपने फायदे के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।

चोरी के वाहन बेच कुछ ही समय में बना ली फाइनांस कम्पनियां
सूत्रों का कहना है कि कुछ बड़े एजैंट जिनकी बाहरी रा’यों में तगड़ी सैटिंग है, ने जालसाजी करके चोरी के वाहन वहां से लाकर प्रदेश में बेचे हैं। इसी काम से एजैंटों ने कुछ ही समय में फाइनांस कम्पनियां खड़ी कर ली हैं।

क्या है एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट, क्यों होती है जरूरी?
अगर किसी बाहरी रा’य की गाड़ी को पंजाब में ट्रांसफर करवाया जाना है तो पुलिस विभाग की आधिकारिक वैबसाइट वाहन समन्वय पर जाकर जिस वाहन की एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट चाहिए उसकी जानकारी भरने पर एक कम्प्यूटर जैनरेटेड व्हीकल इंक्वायरी रिपोर्ट आती है जिसका पिं्रट निकालकर आर.सी. के आवेदन के साथ लगाना होता है। इस रिपोर्ट को संंबंधित पुलिस विभाग से अटैस्ट करवाना होता है जिसके लिए बाकायदा तौर पर बनती फीस लेकर रिपोर्ट के ऊपर मोहर लगाकर हस्ताक्षर किए जाते हैं। पुलिस विभाग द्वारा अटैस्ट की गई रिपोर्ट से इसकी सत्यता स्थापित होती है।  कम्प्यूटर से घर बैठे प्राप्त होने वाली रिपोर्ट जिसका पिं्रट निकालकर केवल पुलिस विभाग से सत्यापित करवाना होता है, के लिए &00 से 500 रुपए तक वसूले जा रहे हैं, जबकि एजैंट अपने दफ्तर में बैठकर ही एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट तैयार करके आवेदनों के साथ लगा देते हैं। 

पुलिस द्वारा सत्यापित एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट होगी अनिवार्य : सैक्रेटरी आर.टी.ए.
सैक्रेटरी आर.टी.ए. वरिन्द्रपाल सिंह बाजवा ने कहा कि फिल्हाल मामला उनके ध्यान में नहीं है। मगर वह इसकी जांच करवाएंगे और इस बात को भी अनिवार्य किया जाएगा कि केवल पुलिस विभाग द्वारा सत्यापित की गई एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट ही आवेदन में स्वीकार की जाए। 

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