Edited By Punjab Kesari,Updated: 14 Jan, 2018 09:56 AM
कुछ माह पहले वायु प्रदूषण के एकाएक बढ़ जाने से पूरे उत्तरी भारत में लोगों को जहां सांस लेने तक में मुश्किलें पेश आने लगी थी वहीं इस मामले में सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा आम लोगों की भी पर्यावरण के प्रति नींद खुली थी।
जालंधर (खुराना): कुछ माह पहले वायु प्रदूषण के एकाएक बढ़ जाने से पूरे उत्तरी भारत में लोगों को जहां सांस लेने तक में मुश्किलें पेश आने लगी थी वहीं इस मामले में सरकार, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा आम लोगों की भी पर्यावरण के प्रति नींद खुली थी। ऐसे में प्रदूषण से निपटने के उपायों के तहत ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने, हरियाली करने इत्यादि पर चर्चाएं शुरू हुई थीं परंतु कुछ तत्व ऐसे हैं जिनके अपने निजी हित पर्यावरण से कहीं ऊंचे जान पड़ते हैं।
ऐसे ही तत्वों ने रातों-रात नगर निगम के एक पार्क को ही गायब कर डाला। घटना 12 और 13 जनवरी की मध्यरात्रि की है। कहा जाता है कि डिच मशीनों ने कमल पैलेस चौक से डी.सी. आफिस की ओर जाने वाली सड़क पर पड़ते त्रिकोणे पार्क, जहां से एक सड़क नई कचहरी वाली गली तथा दूसरी सड़क मोहन पैलेस की ओर निकलती है, की चारदीवारी को तहस-नहस कर डाला। चारदीवारी पर लगी ग्रिलें न केवल गायब कर दी गई बल्कि पार्क में लगा बाकी सामान भी इधर-उधर कर दिया गया।
हैरानी की बात यह है कि यह कार्य शुक्रवार की रात व शनिवार तड़के लोहड़ी वाले दिन किया गया, जिस दिन निगम कर्मचारियों को छुट्टी होती है। 13 जनवरी की सुबह जब मास्टर तारा सिंह नगर के निवासी उठे तो उन्हें यह देख कर काफी हैरानी-परेशानी हुई कि जिस स्थान पर 20-25 सालों से पार्क चला आ रहा था और जो इलाका काफी हरा-भरा था, वहां एकाएक डिच मशीनें चलाकर उसे समतल मैदान क्यों बना दिया गया? कालोनी निवासियों ने इस बाबत केन्द्रीय विधानसभा क्षेत्र के विधायक राजेन्द्र बेरी को भी शिकायत लगाई।
गौरतलब है कि इस त्रिकोणे पार्क में वर्षों पहले निगम का ट्यूबवैल लगा हुआ था, जो कई सालों से पूरे क्षेत्र को पानी सप्लाई कर रहा था। परंतु कुछ समय से इसका बोर बैठने के कारण इस ट्यूबवैल को साथ लगते बड़े पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था। अब नगर निगम इस छोटे पार्क को खूबसूरत बनाने का प्लान बना रहा था,क्योंकि निगम को शहर में हरियाली बढ़ाने का टारगेट मिला हुआ है।
हरियाली कारण रुक सकती है केन्द्रीय ग्रांट
निगम के ज्यादातर प्रोजैक्ट केन्द्र सरकार की ग्रांटों से ही चलते हैं। कुछ साल पहले केन्द्र सरकार ने अमरूत योजना के नाम पर निगम को पांच सालों के लिए 550 करोड़ रुपए की ग्रांट मंजूर की थी। परंतु उसमें शर्त थी कि शहर में ग्रीन एरिया 15 प्रतिशत के करीब होना चाहिए। इस समय शहर का ग्रीन एरिया मात्र 3-4 प्रतिशत है और निगम अपनी भूमियों तथा पार्कों व ग्रीन बैल्टों में हरियाली करने की योजना बना रहा है, जिसके तहत मास्टर तारा सिंह नगर का यह त्रिकोणा पार्क भी आने वाले समय में खूबसूरत रूप धारण करने वाला था परंतु न जाने किसके आदेश पर इस पार्क पर डिच मशीनें चलाकर इसे मलियामेट कर दिया गया। छुट्टी होने के कारण किसी निगमाधिकारी से इस बारे प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी। जब विधायक बेरी को फोन लगाया गया तो किसी बैठक में व्यस्त होने के कारण वह बात न कर सके।