टकसाली अकाली दल की बढ़ी डिमांड

Edited By Vatika,Updated: 12 Jan, 2019 09:28 AM

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शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर टकसाली अकाली नेताओं सेवा सिंह सेखवां, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा व रत्न सिंह अजनाला की ओर से टकसाली अकाली दल का गत दिनों गठन किया गया था। इसके बाद पहले तो शिअद की ओर से ऐसे बयान आ रहे थे कि इन टकसाली अकालियों को कोई मुंह नहीं...

जालंधर(बुलंद): शिरोमणि अकाली दल से अलग होकर टकसाली अकाली नेताओं सेवा सिंह सेखवां, रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा व रत्न सिंह अजनाला की ओर से टकसाली अकाली दल का गत दिनों गठन किया गया था। इसके बाद पहले तो शिअद की ओर से ऐसे बयान आ रहे थे कि इन टकसाली अकालियों को कोई मुंह नहीं लगाएगा पर जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, शिअद के दावे झूठे साबित हो रहे हैं ।
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मामले बारे अकाली राजनीति से जुड़े सूत्रों की मानें तो टकसाली अकाली दल की दिन-ब-दिन डिमांड बढ़ती जा रही है। मामले बारे जब पार्टी के वरिष्ठ नेता सेवा सिंह सेखवां से बात की तो उन्होंने बताया कि पंजाब में केंद्र की तरह ही एक महागठबंधन तैयार हो रहा है। इसमें कांग्रेस व अकाली दल की धक्केशाहियों के खिलाफ कई पार्टियां एकजुट होकर सामने आ सकती हैं। उनसे सभी पार्टियों के नेताओं द्वारा लगातार सम्पर्ककिया जा रहा है। पहले बैंस बंधु, फिर ‘आप’ के भगवंत मान और आज सुखपाल खैहरा ने उनसे मुलाकात की है। सेखवां से जब पूछा कि जिस प्रकार गत दिनों जस्टिस जोरा सिंह ने ‘आप’ में शामिल होने के बाद बरगाड़ी बेअदबी कांड के लिए सिख युवकों पर दोबारा निशाना साधतेहुए उनसे सख्ती से पूछताछ करने की बात कही थी। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी का एक ही लक्ष्य है कि जो राजनीतिक पार्टी पंजाब व पंथ के हितों की बात करेगी, उसके साथ ही चलना है।
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जिस पार्टी के नेता पंथ विरोधी बातें करेंगे, उनके साथ चलने का सवाल नहीं उठता। उन्होंने कहा कि पंजाब में न तो बादलों के कब्जे वाले अकाली दल के साथ चला जा सकता है और न ही कांग्रेस के साथ, इसलिए तीसरे मोर्चे का क्या रूप बनकर सामने आता है, वह आने वाले दिनों में पता चल जाएगा। कई टकसाली व युवा अकाली नेता उनके साथ सम्पर्क में हैं और जल्द ही टकसाली अकाली दल का हिस्सा बन सकते हैं। लोकसभा चुनावों में अभी कुछ महीने पड़े हैं, इसलिए उन्हें कोई जल्दी नहीं है जो लोग उनकी विचारधारा से मेल खाते होंगे, उनके साथ ही चलकर एक महागठबंधन का निर्माण किया जाएगा। अगर महागठबंधन तैयार होता है तो रा’य की 13 की 13 सीटों पर चुनाव लड़ा जाएगा पर अगर यह गठबंधन तैयार नहीं होता तो क्या करना है, यह बाद में फैसला लिया जाएगा।

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