Edited By swetha,Updated: 12 Jan, 2019 08:26 AM
फगवाड़ा गेट के पास बिल्डिंग इंस्पैक्टर दिनेश जोशी के साथ मारपीट के आरोपों से घिरे पूर्व मेयर सुरेश सहगल को एक सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में सरैंडर करना होगा। राहत की बात यह है कि उसी दिन ट्रायल कोर्ट में सुरेश सहगल रैगुलर बेल लगाएंगे। अदालत को...
जालंधर(रविंदर): फगवाड़ा गेट के पास बिल्डिंग इंस्पैक्टर दिनेश जोशी के साथ मारपीट के आरोपों से घिरे पूर्व मेयर सुरेश सहगल को एक सप्ताह के भीतर ट्रायल कोर्ट में सरैंडर करना होगा। राहत की बात यह है कि उसी दिन ट्रायल कोर्ट में सुरेश सहगल रैगुलर बेल लगाएंगे। अदालत को उसी दिन इस रैगुलर बेल पर फैसला देना होगा। सुप्रीम कोर्ट ने सुरेश सहगल की याचिका पर उन्हें ट्रायल कोर्ट में सरैंडर करने और रैगुलर बेल पर उसी दिन फैसला सुनाने का आदेश दिया है। गौर हो कि 28 अक्तूबर को रविवार के दिन फगवाड़ा गेट के पास जांच के लिए गए बल्डिंग इंस्पैक्टर दिनेश जोशी के साथ पूर्व मेयर सुरेश सहगल की बहस के बाद सहगल ने बिल्डिंग इंस्पैक्टर पर घूंसों की बरसात कर दी थी।
दिनेश जोशी के बयान पर डिवीजन नंबर-3 थाने में सुरेश सहगल के खिलाफ मारपीट व सरकारी काम में विघ्न डालने का केस दर्ज कर लिया गया था। 2 नवम्बर को सैशन कोर्ट ने सहगल की अंतरिम जमानत को रिजैक्ट कर दिया था। इसके बाद सहगल अंडरग्राऊंड हो गए थे। 5 नवम्बर को सहगल के करीबी सुलक्षण शर्मा को पुलिस ने अरैस्ट कर लिया था। नगर निगम यूनियनों ने सारा काम ठप्प कर दिया था और सुरेश सहगल की गिरफ्तारी से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं था। 6 नवंबर को सुलक्षण के भांजे सन्नी को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, मगर 16 नवम्बर को हाईकोर्ट ने सहगल की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी।
गिरफ्तारी से बचते ही सहगल ने शहर में अवैध बिल्डिंगों के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया। 30 नवम्बर को सहगल ने अदालत के आदेश पर पुलिस जांच ज्वाइन की। 11 दिसम्बर को सुलक्षण व उसके भांजे सन्नी को अदालत से जमानत मिल गई, मगर 17 दिसम्बर को पूर्व मेयर के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई, जब हाईकोर्ट ने सख्त टिप्पणी के बाद सुरेश सहगल की जमानत को रिजैक्ट कर दिया था जिस पर सहगल ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी । शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सुरेश सहगल को एक सप्ताह के भीतर अदालत में सरैंडर करने और उसी दिन रैगुलर जमानत अप्लाई करने को कहा। साथ ही अदालत को निर्देश दिया कि रैगुलर बेल पर उसी दिन फैसला किया जाए।