Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 May, 2018 11:57 AM
प्रदेश सरकार द्वारा समूह वित्तीय कमिश्नर (अपील), मंडल कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, ए.डी.सी., जिला माल अफसर (डी.आर.ओ.), एस.डी.एम., तहसीलदार और नायब तहसीलदार को एक पत्र लिखकर हिदायतें जारी की गई हैं
जालंधर (अमित): प्रदेश सरकार द्वारा समूह वित्तीय कमिश्नर (अपील), मंडल कमिश्नर, डिप्टी कमिश्नर, ए.डी.सी., जिला माल अफसर (डी.आर.ओ.), एस.डी.एम., तहसीलदार और नायब तहसीलदार को एक पत्र लिखकर हिदायतें जारी की गई हैं, जिनके अनुसार किसी भी जमीन संबंधी कोई भी केस, अपील या रिवीजन किसी भी स्तर पर किसी रैवेन्यू अफसर की अदालत में दायर हो या कोई फैसला हो तो उस संबंधी सूचना एक तय प्रोफार्मे के अनुसार संबंधित तहसीलदार को भेजी जाए।
उसमें केस नंबर पार्टी का नाम, टाइप आफ केस (तकसीम, इंतकाल आदि), रैवेन्यू एस्टेट व तहसील का नाम और लैंड की सारी डिटेल (खसरा नंबर व खेवट नंबर) आदि की जानकारी भेजी जाए। इसके साथ ही संबंधित तहसीलदार पटवारी को निर्देश जारी करे, ताकि ऑनलाइन जमाबंदी के रिमाक्र्स कालम में पटवारी की तरफ से संक्षेप नोट दिया जा सके। गौर हो कि बहुत बड़ी गिनती में केसों के अंदर किसी रकबे संबंधी केस, अपील या रिवीजन अलग-अलग रैवेन्यु अदालतों में पैंङ्क्षडग होते हुए भी संंबंधी रकबे (जमीन) की खरीदो-फरोख्त जारी रहती है। इस कारण अक्सर खरीदार को संबंधित जमीन के चल रहे झगड़ों आदि की जानकारी नहीं मिल पाती है, क्योंकि रैवेन्यू रिकार्ड में रकबे से संंबंधित किसी केस, अपील या रिवीजन के पैंङ्क्षडग होने का इंदराज नहीं होता है।
इसी तरह से लड़ाई-झगड़ों के चलते दौरान खरीदी गई जमीन संंबंधी अन्य कानूनी पेचीदगियां पैदा हो जाती हैं जिससे खरीदार को बहुत सी मानसिक, आॢथक और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी के मद्देनजर सरकार ने उक्त जारी किए हैं।