Edited By swetha,Updated: 12 Nov, 2018 08:27 AM
जालंधर चाहे कूड़े के ढेर में बदल रहा हो, चाहे जालंधर की सड़कों की दशा बेहद बदहाल हो, चाहे जालंधर में हर विकास का काम रुका हुआ हो, मगर स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत जालंधर ने लंबी छलांग मारी है।14 नंबर के सुधार के साथ जालंधर राष्ट्रीय रैंकिंग में...
जालंधर(रविंदर): जालंधर चाहे कूड़े के ढेर में बदल रहा हो, चाहे जालंधर की सड़कों की दशा बेहद बदहाल हो, चाहे जालंधर में हर विकास का काम रुका हुआ हो, मगर स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के तहत जालंधर ने लंबी छलांग मारी है।14 नंबर के सुधार के साथ जालंधर राष्ट्रीय रैंकिंग में 74वें नंबर पर पहुंच गया है जबकि इससे पहले जालंधर की राष्ट्रीय रैंकिंग 88 थी।
यह रैंकिंग हर महीने भारत सरकार की ओर से कुल जारी किए गए टैंडर, कुल जारी किए गए वर्क आर्डर तथा पूर्ण हुए कामों की कीमत और उनके द्वारा जमा करवाए गए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट के आधार पर की जाती है। इस प्रोजैक्ट को सुचारू ढंग से लागू करने के कारण जालंधर ने अपनी रैंकिंग में सुधार करते हुए इम्फाल, बेंगलूर, देहरा घाटी, श्रीनगर, पुड्डुचेरी, त्रिवेंद्रम, अमृतसर, गंगटोक, नया कोलकाता, पोर्ट ब्लेयर, करनाल, सहारनपुर, मुरादाबाद और अन्य शहरों को पीछे छोड़ दिया है।
इस बारे में जानकारी देते हुए स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट के सी.ई.ओ. विशेष सारंगल ने कहा कि रैंकिंग में सुधार सारी टीम की ओर से किए गए उचित व सार्थक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि सारी टीम ने प्रोजैक्ट में आई दिक्कतों को दूर करते हुए इसको बढिय़ा ढंग से लागू करने में पूर्ण सहयोग दिया जिससे प्रोजैक्ट के काम में तेजी आई और लोगों को आधुनिक सुविधाएं मिलने का रास्ता साफ हुआ। जिला प्रशासन इस काम को समय पर अच्छे ढंग से करने के लिए वचनबद्ध है। इस प्रोजैक्ट को पूर्ण रूप से लागू करने में कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में टीम और बेहतर प्रयास करेगी जिससे रैंकिंग में और सुधार आ सके तथा यह काम पूर्ण पेशेवर ढंग से निपटाया जाएगा।