Edited By Vatika,Updated: 12 Sep, 2018 11:24 AM
पिछले 4 सालों से स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट का शोर तो मच रहा है परंतु अभी तक इस प्रोजैक्ट के तहत शहर में एक भी ईंट नहीं लगी। सिर्फ बैठकों या फाइलों में ही स्मार्ट सिटी बनाई जा रही है।
जालंधर(खुराना): पिछले 4 सालों से स्मार्ट सिटी प्रोजैक्ट का शोर तो मच रहा है परंतु अभी तक इस प्रोजैक्ट के तहत शहर में एक भी ईंट नहीं लगी। सिर्फ बैठकों या फाइलों में ही स्मार्ट सिटी बनाई जा रही है।
दूसरी ओर बिजली के सामान की होलसेल तथा रिटेल मार्कीट फगवाड़ा गेट के दुकानदारों ने जालंधर इलैक्ट्रिक ट्रेडर वैल्फेयर एसोसिएशन के नेतृत्व में खुद प्रयास करके फगवाड़ा गेट की मेन सड़क को शहर की पहली स्मार्ट रोड बनाया था जिसमें नगर निगम, विधायक राजेन्द्र बेरी तथा मेयर जगदीश राजा के अलावा पार्षदों व अन्य का सहयोग भी लिया गया था।
निगम की अनदेखी के चलते शहर की पहली स्मार्ट रोड कुछ महीनों में ही दम तोडऩे लगी है। एसोसिएशन के प्रधान अमित सहगल, संजीव पुसरी, संजीव तलवाड़, सुरेश गुप्ता, ज्वाय मलिक, रत्नदीप सिंह, रॉबिन गुप्ता, कुक्कु मिड्ढा, बलदेव व अखिलेश मेहता, रमन मेहता, विक्रांत मलिक, विक्रम मिगलानी, अमरीक सिंह मोखा इत्यादि ने निराशा भरे स्वर में कहा कि मार्कीट की पूरी सफाई नहीं हो रही। जगह-जगह गंदगी के ढेर लगे हैं, स्वीपिंग मशीन बंद हो गई है। सड़क पर मार्किंग हेतु कहा गया था परन्तु कोई कार्रवाई नहीं हुई। इन कारोबारियों ने पंजाब सरकार से मांग की कि प्रापर्टी कारोबार को प्रफुल्लित करने के लिए एन.ओ.सी. पालिसी जल्द जारी की जाए तथा स्टेट जी.एस.टी. के रिफंड तेजी से जारी किए जाएं। केन्द्र सरकार से मांग की गई कि ई-वे बिल की सीमा 50,000 रुपए से बढ़ाकर 1 लाख की जाए। रिटर्न तिमाही तथा सरल की जाए।