शशि स्कैंडल; करीबियों को किराए पर दुकानें-कोठियां दिलाकर करवाए कब्जे

Edited By swetha,Updated: 02 Dec, 2018 10:18 AM

shashi sharma scandal

शहर में शशि शर्मा लोगों की प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के लिए बहुत बड़ा नैटवर्क चला रहा है जिसमें उसके करीबी लोग ही शामिल हैं जो पहले लोगों की दुकानें, कोठियां व फ्लैट किराए पर ले लेते हैं और बाद में उस पर कब्जा करने का खेल शुरू कर देते हैं। ये सब हम...

जालंधर(वरुण): शहर में शशि शर्मा लोगों की प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के लिए बहुत बड़ा नैटवर्क चला रहा है जिसमें उसके करीबी लोग ही शामिल हैं जो पहले लोगों की दुकानें, कोठियां व फ्लैट किराए पर ले लेते हैं और बाद में उस पर कब्जा करने का खेल शुरू कर देते हैं। ये सब हम नहीं बल्कि कोर्ट में दायर किए वे दस्तावेज साबित कर रहे हैं जो पंजाब केसरी के हाथ लगे और खुलासा हो गया। 

शशि शर्मा के स्कैंडल और इसके करीबियों के लिंक आपस में जुड़ रहे हैं। पहले इस नैटवर्क का एक साथी किसी की प्रॉपर्टी किराए पर लेता है व 2 या 4 माह बाद किराया देना बंद कर देता है। असली मालिक जब किराया मांगता है तो उसे डराया-धमकाया जाता है। यह बात भी बता दें कि इस नैटवर्क के निशाने पर खासकर एन.आर.आई. होते हैं या विधवा औरतें या फिर वे लोग जिनकी ज्यादा पहुंच नहीं होती। किराया न मिलने पर असली मालिक कोर्ट केस करता है।

यह नैटवर्क जब केस हारने की स्थिति में पहुंच जाता है तो पहला किराएदार अपने ही नैटवर्क के दूसरे साथी को किराएदार बनाकर कोर्ट में याचिका दायर कर देता है। दूसरे नंबर वाला किराएदार अब अपने नैटवर्क के साथी को बीच में डालता है और यह याचिका दायर करता है कि वह इस प्रॉपर्टी का किराएदार है और उसने अपने मालिक (अपने ही नैटवर्क का बनाया गया फर्जी मालिक) से सारे दस्तावेज लिए हुए हैं। 

सारे फर्जी दस्तावेज तैयार करके दिए जाते हैं। आखिरी स्टैप यह होता है कि फर्जी बनाया गया प्रॉपर्टी का मालिक असली मालिक समेत अपने नैटवर्क के बनाए गए किराएदारों को पार्टी बनाकर जगह खाली करवाने की याचिका दायर कर देता है। बाद में नतीजा यह निकलता है कि एन.आर.आई. लोग धमकियों से परेशान होकर बाहर चले जाते हैं लेकिन जो लड़ते हैं वे आधी रकम में अपनी प्रॉपर्टी के पैसे लेकर बैठ जाते हैं। कई ऐसी प्रॉपर्टियां भी हैं जिनमें वे क्रिमिनल केस दर्ज करवा कर राजीनामे की आड़ में प्रॉपर्टी अपने नाम करवा देते हैं। जल्द ही इस नैटवर्क से जुड़े लोगों का भी खुलासा किया जाएगा।

उम्र, साइन और पते भी अलग-अलग 
पंजाब केसरी के हाथ जो दस्तावेज लगे हैं उनमें साफ दिख रहा है कि किस तरह से यह नैटवर्क माननीय अदालतों को धोखा दे रहा है। कोर्ट में दायर किए दस्तावेजों में एक ही व्यक्ति के अलग-अलग साइन हैं। किसी की उम्र अलग-अलग है तो किसी का पता। हैरानी की बात है कि यह नैटवर्क इतने समय से चल रहा है लेकिन कोई पकड़ ही नहीं पाया और एन.आर.आई. से लेकर शहर के लोग इस नैटवर्क से ठगे जा रहे हैं। 

जिस दुकान पर कब्जा किया था,  केस हारने के डर से वहां रख दी धार्मिक तस्वीर
शशि शर्मा की काली करतूतों की परतें अब खुद-ब-खुद ही खुलने लग गई हैं। किसी प्रॉपर्टी पर कब्जा करने के लिए शशि शर्मा व उसके साथी उसे धार्मिक मुद्दा बनाने से भी नहीं कतराते।  ऐसे कई केस पैंडिंग हैं जिनमें शशि शर्मा के नैटवर्क ने एन.आर.आई व शहर के कई अन्य लोगों पर कहर बरपाया हुआ है। ऐसा ही एक केस है जिसमें शशि शर्मा व उसके नैटवर्क ने प्रॉपर्टी विवाद को धार्मिक मुद्दा बनाने के लिए वहां धार्मिक तस्वीर रख दी। यह प्रॉपर्टी इंगलैंड में रहने वाले एन.आर.आई. अमनदीप सिंह बैंस की है। अमनदीप सिंह ने बताया कि उन्होंने काफी साल पहले लाजपत नगर स्थित शाप-कम-फ्लैट करोना कंपनी को किराए पर दिया था। घाटा पडने  पर कंपनी पैकअप हो गई ।  कंपनी के जाते ही शशि शर्मा के कारिंदों ने जाली दस्तावेज तैयार कर खुद को किराएदार बना डाला।

जब उन्होंने कोर्ट केस लगाया तो उन्हें धमकियां आनी शुरू हो गईं। जैसे ही फैसला उनके पक्ष में होने वाला था तो शशि शर्मा के नैटवर्क ने उस दुकान में दीवार खड़ी करके एक दुकान की 2 दुकानें बना दीं और अलग-अलग किराएदार बना डाले। एक दुकान के बाहर मनजीत का ढाबा खोल दिया गया। बैंस का कहना है कि जब दीवार खड़ी की जा रही थी तो तब कोर्ट से वैल्फ भी आया था और शशि शर्मा भी वहां आया था। कोर्ट में शिकायत दी गई तो इन लोगों ने केस हार जाने के डर से इसे धार्मिक मुद्दा बना डाला और वहां पर धार्मिक तस्वीर रख दी।  इसी नैटवर्क के लोगों का एक अगस्त 2018 को अर्बन एस्टेट फेज-1 में स्थित एम.आई.जी. फ्लैट में भी विवाद हुआ था। खुद को किराएदार बताने वाले शशि शर्मा के करीबी ने महिला के साथ विवाद किया था। तब शशि शर्मा के करीबी ने महिला पर आरोप लगाए थे और मारपीट भी हुई थी। शशि के करीबी ने इस फ्लैट को लेकर किराएदार और फ्लैट के मालिक पर भी कोर्ट केस किया हुआ है। 

लाजपत नगर में फ्लैट पर तो छत्ती गली में भी दुकान पर कब्जा
शशि शर्मा ने लाजपत नगर स्थित फ्लैट और छत्ती गली में एक दुकान पर भी कब्जा किया हुआ है। एन.आर.आई. विम्मी पत्नी दविंद्र निवासी होशियारपुर ने कोर्ट में याचिका दायर करके कहा कि उन्होंने शशि शर्मा को लाजपत नगर स्थित गंगा अपार्टमैंट में अपना फ्लैट किराए पर दिया था। शशि ने किराया नहीं दिया तो फ्लैट खाली करवाने के लिए कोर्ट में याचिका डाली। फ्लैट खाली करवाने के आर्डर हुए तो शशि शर्मा हाईकोर्ट पहुंच गया लेकिन वहां से भी याचिका ख्रारिज कर दी गई। उसके बाद शशि ने अपने करीबी विजय कुमार धर्मा को बीच में डाला और कोर्ट में याचिका दायर कर दी कि वह उस फ्लैट का किराएदार है, साथ में कुछ दस्तावेज भी दिए गए। विजय ने शशि को भी बीच में पार्टी बना दिया ताकि शशि की मदद मिल सके। अभी यह केस कोर्ट में विचाराधीन है।

दूसरा केस पूनम सूरी ने किया हुआ है जिसने आरोप लगाया कि छत्ती गली में उसने खुद की दुकान विजय कुमार धर्मा को किराए पर दी थी। किराया न मिलने पर दुकान खाली करवाने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की। फैसला पूनम के हक में आया तो बीच में सतिंद्रपाल घुस आया और खुद को किराएदार बताकर याचिका दायर कर दी। सतिंद्र ने दावा किया कि दुकान का मालिक मनजीत सिंह है जिससे उसने किरायानामा भी लिया हुआ है। यह केस अभी विचाराधीन है। वहीं अर्बन एस्टेट फेज-1 में भी फ्लैट को लेकर इस नैटवर्क के लोगों ने केस किया हुआ है। इस केस में फ्लैट के अटार्नी और एक किराएदार महिला को पार्टी बनाया हुआ है।

कोर्ट में शशि को पार्टी बनाया, प्रैस कांफ्रैंस करके कहा-शशि पाजी मेरे सिर्फ पड़ोसी
शशि शर्मा खुद की छवि छुपाने के लिए जो भी चाल चल रहा है उसमें खुद ही फंस रहा है। शनिवार को शशि के हक में वैल्फेयर एसो. जालंधर (मोता सिंह नगर मार्कीट) ने प्रैस कांफ्रैंस की। सबसे बड़ी बात कि एसो. के लैटर पैड पर मात्र 9 ही सदस्यों के नाम छपे थे जबकि कांफ्रैंस में शामिल भी इतने ही लोग थे। प्रैस कांफ्रैंस में मीडिया के सवालों के जवाब देने और पक्ष रखने वाला विजय कुमार धर्मा का नाम तो एसो. के लैटर पैड में भी नहीं था और धर्मा ने खुद ही बोल दिया कि यह एसो. रजिस्टर्ड नहीं।

विजय कुमार धर्मा से जब शशि शर्मा के बारे पूछा गया तो उसने कहा कि शशि शर्मा सिर्फ हमारी मार्कीट में ट्रांसपोर्टर ( पड़ोसी) हैं और वह इस हमले की निंदा करने आए हैं। विजय धर्मा यह भी बोल पड़ा कि ट्रांसपोर्ट के काम के अलावा वह शशि शर्मा के किसी भी काम को नहीं जानते और न निजी जिंदगी के बारे में, लेकिन पंजाब केसरी के हाथ लगे कोर्ट में दायर किए दस्तावेजों से पता लगा कि विजय कुमार धर्मा ने गंगा अपार्टमैंट वाले फ्लैट में शशि शर्मा को असल मालिक के साथ पार्टी बनाया हुआ है। इससे क्लियर होता है कि धर्मा शशि को अच्च्छी तरह से जानता है। धर्मा भी झगड़े वाली जगह पर ही अपना दफ्तर खोलकर बैठा हुआ है। यह भी बता दें कि प्रैस कांफैं्रस में मोता सिंह नगर मार्कीट में टूर एंड ट्रैवल का काम करने वाले ही लोग शामिल थे या फिर एक मोबाइल शॉप चलाने वाला व्यक्ति शामिल था। धर्मा किसी समय शशि की बसों का काम देखता था।

मुझे शशि व उसके करीबियों से जान का खतरा : एन.आर.आई. बैंस
एन.आर.आई. अमनदीप सिंह बैंस ने कहा कि उन्हें शशि व उसके सारे नैटवर्क से जान का खतरा है। शशि पहले भी उन्हें धमका चुका है। पिछले 5 माह से वह इंगलैंड में अपना सारा काम छोड़कर यहां आए हुए हैं। शशि उन पर कभी भी अटैक करवा सकता है या फिर किसी अन्य केस में फंसा सकता है। 

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