142 सेवा केन्द्रों में की गई चैकिंग को बीत गया एक हफ्ता, नहीं बन सकी रिपोर्ट

Edited By Anjna,Updated: 14 May, 2018 10:09 AM

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पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा आम जनता को उनके घर के पास एक ही छत के नीचे सारी सरकारी सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से खोले गए सेवा केन्द्रों का मौजूदा समय में बेहद बुरा हाल है। आए दिन किसी न किसी सेवा केन्द्र में आम जनता के परेशान होने की...

जालंधर (अमित): पूर्व अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार द्वारा आम जनता को उनके घर के पास एक ही छत के नीचे सारी सरकारी सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से खोले गए सेवा केन्द्रों का मौजूदा समय में बेहद बुरा हाल है। आए दिन किसी न किसी सेवा केन्द्र में आम जनता के परेशान होने की खबरें सामने आती रहती हैं। पिछले लंबे समय से सेवा केन्द्रों में बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ इंटरनैट कनैक्शन, जैनरेटर, स्टाफ आदि की समस्या निरंतर जारी है मगर सेवा केन्द्र चलाने वाली निजी कंपनी द्वारा खामियों को पूरा करने की तरफ कोई खास ध्यान नहीं दिया जा रहा। 

निरंतर आ रही शिकायतों को देखते हुए प्रदेश सरकार के निर्देशानुसार डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा की हिदायतों पर लगभग एक हफ्ता पहले जिले के सभी 142 सेवा केन्द्रों की चैकिंग की गई थी। डी.सी. द्वारा अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी गई थी, कि कितने सेवा केन्द्र चालू हैं? आम जनता को दी जाने वाली सुविधाओं का क्या हाल है? बड़ी हैरानी वाली बात है कि एक हफ्ते का समय बीत जाने के बाद भी आज तक चैकिंग की रिपोर्ट नहीं बनाई जा सकी है। इससे साफ पता लगता है कि संबंधित अधिकारी इस काम को लेकर कितना गंभीर हैं।

जानकारी के अनुसार मौजूदा समय में केवल 42 सेवा केन्द्रों की रिपोर्ट तैयार हो सकी है जिसमें 27 सेवा केन्द्र बंद पाए गए थे। उक्त सैंटरों में कोई काम ही नहीं हो रहा था। उच्चाधिकारियों के बार-बार कहने के बावजूद संबंधित कर्मचारी रिपोर्ट तैयार ही नहीं कर सके हैं जिससे उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवालिया निशान उठ रहे हैं। गौर हो कि चैकिंग के दौरान कई सेवा केन्द्रों में बिजली कनैक्शन, स्टाफ और इंटरनैट की समस्या पाई गई। लगभग 100 सेवा केन्द्रों की रिपोर्ट कंपाइल होनी अभी बाकी है। जैसे ही मुकम्मल रिपोर्ट तैयार होगी, इसे गवर्नैंस रिफार्म विभाग के पास भेजा जाएगा।

चैकिंग के दौरान पाई गई खामियों को लेकर निजी कंपनी को जुर्माने की सिफारिश भी की जा सकती है। इस बार बनाए जा रहे माडल में आम जनता को बेहतर व पारदर्शी सेवाएं प्रदान करना, पूरे प्रदेश में सेवाएं देने के लिए एकरूपता लाना और सारे सेवा केन्द्रों को इस तरह से चलाना जिसमें वह अपना खर्च खुद निकालकर रैवेन्यू शेयर करते हुए सरकार के ऊपर बोझ न बनें। 

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