सेहरा मर्डर केस: चिद्दी ने टैटू बनाने वाले से कहकर प्रोवाइड कराए थे वाहन, पुलिस ने दिखाई गिरफ्तारी

Edited By Vatika,Updated: 22 Feb, 2019 09:11 AM

sehra murder case

सेहरा मर्डर केस में ‘पंजाब केसरी’ ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले के लिए चिद्दी ने वाहन प्रोवाइड कराए थे, इसके बाद ही चिद्दी की गिरफ्तारी दिखाई गई थी। चिद्दी को वारदात के लिए वाहन एक टैटू बनाने वाले द्वारा प्रोवाइड कराए गए...

जालंधर(कमलेश): सेहरा मर्डर केस में ‘पंजाब केसरी’ ने पहले ही खुलासा कर दिया था कि सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले के लिए चिद्दी ने वाहन प्रोवाइड कराए थे, इसके बाद ही चिद्दी की गिरफ्तारी दिखाई गई थी। चिद्दी को वारदात के लिए वाहन एक टैटू बनाने वाले द्वारा प्रोवाइड कराए गए थे। पुलिस ने चिद्दी की गिरफ्तारी दिखा अपनी जान छुड़ा ली है, जबकि पुलिस टैटू बनाने वाले युवक पर भी शिकंजा कसने की तैयारी में है। उक्त टैटू बनाने वाला पहले भी शहर में हुए लड़ाई-झगड़ों में शामिल रहा है और अभी बीते दिनों डी.ए.वी. कॉलेज के नीचे हुई लड़ाई में भी शामिल था जिसमें एक युवक को बुरी तरह से हमला कर घायल कर दिया गया था। उसे नामजद किया गया था और वह इस केस में फरार चल रहा है।

दाना मंडी दुकान के मालिक के काबू होने पर हो सकते हैं कई खुलासे
सेहरा मर्डर केस में पुलिस 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस के अनुसार सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले में मौका-ए-वारदात पर 6 आरोपी मौजूद थे। छठा आरोपी माणक शर्मा अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर है।सूत्रों की मानें तो दाना मंडी की जिस दुकान में सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले का ताना-बाना बुना गया था, अगर उक्त मालिक को पुलिस काबू कर लेती है तो मामले में कई और खुलासे भी हो सकते हैं। पता चला है कि जिस दिन पुलिस ने दुकान की डी.वी.आर. कब्जे में ली थी, उसी दिन से दुकान मालिक भूमिगत हो गया था। प्लाङ्क्षनग के दिन दुकानदार भी आरोपियों के बीच में बैठा हुआ था। मामले से निकलने के लिए दुकान का मालिक राजनेताओं के आगे नतमस्तक होने के प्लान बना रहा है।

बुकी के फ्लैट में आरोपियों ने ली थी शरण, उस पर कार्रवाई क्यों नहीं?
शहर का एक बुकी गैंगस्टरों का सहारा लेकर अपना वर्चस्व कायम करना चाहता है और ऐसे ही एक बुकी ने सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले के बाद वारदात में शामिल गोल्डी, नन्नू व अन्यों को अपने रोहिणी स्थित फ्लैट में शरण दी थी। इससे पहले उसने आरोपियों को अपने नोएडा स्थित फ्लैट में शरण दी हुई थी तथा पुलिस के डर से आरोपी लोकेशन चेंज कर रोहिणी पहुंच गए थे। सूत्रों की मानें तो हमले को बुकी ने ही फाइनैंस किया था और इसके बदले में उसने भविष्य में आरोपियों का इस्तेमाल कर अपने कुछ काम निकलवाने थे।

आई.पी.एल. केचलते केस में से अपना नाम बचाने की कोशिश में है बुकी
बता दें कि आई.पी.एल.-2019 आगामी 23 मार्च से शुरू होने जा रहा है, ऐसे में बुकी सेहरा ब्रदर्ज पर हुए हमले के मामले में किसी भी तरह खुद का नाम आने से बचाना चाहता है। उसे डर सता रहा है कि अगर वह केस में उलझ गया तो आई.पी.एल. सीजन में बुक को आर्गेनाइज नहीं कर पाएगा और पुलिस की नजर उस पर बनी रहेगी। इसको लेकर बुकी केस से निकलने के लिए एक नया दाव खेल सकता है।

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