Edited By Vatika,Updated: 13 Jul, 2018 08:33 AM
विवादों में रहे मोगा के पूर्व एस.एस.पी. राजजीत सिंह के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इसके बाद पुलिस विभाग में अब चर्चा छिड़ गई है कि अगला नंबर किन पुलिस अफसरों का लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अब अपनी छवि को ठीक करना...
जालंधर(बहल, सोमनाथ): विवादों में रहे मोगा के पूर्व एस.एस.पी. राजजीत सिंह के खिलाफ सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। इसके बाद पुलिस विभाग में अब चर्चा छिड़ गई है कि अगला नंबर किन पुलिस अफसरों का लग सकता है। सूत्रों का कहना है कि कैप्टन अमरेन्द्र सिंह अब अपनी छवि को ठीक करना चाहते हैं इसलिए आने वाले दिनों में कुछ और पुलिस अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
एक मैरिज पैलेस के मालिक पर नजर
सूत्रों का कहना है कि जालंधर के एक मैरिज पैलेस के मालिक पर एस.टी.एफ. की नजर है। ऐसा कहा जा रहा है कि इस मैरिज पैलेस के मालिक के माध्यम से विदेश में धन निवेश किया गया है। इसकी डिटेल भी एस.टी.एफ. निकाल रही है। सूत्रों का कहना है कि एस.टी.एफ. काफी समय से एक बड़े नैक्सैस का पर्दाफाश करने की कोशिश कर रही है लेकिन कई तरह की परेशानियों के कारण उसको इसमें सफलता नहीं मिल रही है।
एस.टी.एफ . के पास मात्र 255 के करीब स्टाफ
एस.टी.एफ. के पास मात्र 255 लोगों का स्टाफ है, जबकि रा’य मे फैले तस्करों के बड़े नैटवर्क को तोडऩे के लिए कम से 1600 पुलिस कर्मियों और अफसरों की जरूरत बताई जा रही है। ड्रग्स पंजाब में लोकसभा और विधानसभा चुनावों में बड़ा मुद्दा रहा है और कै. सरकार के सत्ता में आते ही पंजाब में एस.टी.एफ. का गठन किया गया था लेकिन एस.टी.एफ. के सामने तभी से यह दिक्कत है कि उसका स्टाफ बहुत कम है।
कमजोर इन्वैस्टीगेशन के कारण छूट रहे तस्कर
ड्रग्स के केसों में जांच के बाद ये तथ्य सामने आया है कि पिछले 5 सालों में पुलिस की इन्वैस्टीगेशन कमजोर होने के कारण 50 प्रतिशत के करीब तस्करों को कोर्ट से जमानत मिल गई है। इनमें कई मामले तो ऐसे भी हैं जिनमें चालान पेश करने के 180 दिन की समय सीमा के बाद भी कोर्ट में चालान पेश नहीं किए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि ऐसे एस.एच.ओ. से लेकर ए.एस.आई. स्तर के पुलिस कर्मियों की सूची तैयार हो रही है जिन्होंने जांच को कमजोर किया है। आने वाले दिनों में इनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई होने की चर्चा है और ड्रग को लेकर दर्ज मामलों की एक-एक एफ.आई.आर. देखी जा रही है।
चर्चा में ‘आर., एच., ए.’ नाम के & अफसर
राजजीत सिंह का मामला तो हाईकोर्ट में चल रहा है। इस महीने के अंतिम सप्ताह कोर्ट में तारीख भी है लेकिन इस बात की प्रबल संभावना है कि ड्रग्स लेकर बनी एस.टी.एफ. 3 बड़े अफसरों जिनके नाम आर., एच. और ए. से शुरू होते हैं, को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। इन तीनों पुलिस अफसरों का नाम ड्रग्स को लेकर पकड़े गए इंस्पैक्टर इंद्रजीत सिंह के मामले को लेकर पहले भी चर्चा में रहा है। इनमें से एक अफसर केन्द्र की एक जांच एजैंसी के बड़े अफसर का खास दोस्त बताया जाता है।
गांवों में मैपिंग, नशेडिय़ों और तस्करों की तैयार हो रही सूची
सरकार अब ड्रग्स को लेकर गांवों की मैपिंग करने की तैयारी में है। इसलिए जिला प्रशासन से यह कहा गया है कि वे गांवों के हिसाब से नशेडिय़ों की सूची तैयार करें। उनको नशा छुड़ाओ सैंटर तक लेकर जाएं। इसके साथ-साथ पुलिस गांवों के लोगों के साथ मिल कर ड्रग्स सप्लाई करने वालों की सूची तैयार करे।
टाऊट को किया गया सक्रिय
पुलिस अधिकारियों को ड्रग तस्करों के पकडऩे के लिए अपने टाऊट को और सक्रिय करने को कहा गया है। पहले थाना और चौकी स्तर पर टाऊट होते थे जिनसे पल-पल की सूचनाएं मिल जाती थीं लेकिन पिछले कुछ समय से ऐसा होना बंद गया था। अब ये फिर से सक्रिय हो गए हैं, इसके लिए मुख्यालय से फंड भी दिया जाएगा।