फिर लगे पंजाब पुलिस के मुलाजिमों पर चिट्टा बिकवाने के आरोप

Edited By Punjab Kesari,Updated: 17 Jul, 2018 01:01 PM

punjab police drugs

पंजाब पुलिस के मुलाजिमों पर एक बार फिर से एक व्यक्ति को मजबूर कर चिट्टा बिकवाने के आरोप लगे हैं। सुखविन्द्र सिंह वासी गांव माना थाना मेहटियाणा होशियारपुर ने प्रैस कान्फ्रैंस में बताया कि 2015 में पुलिसकर्मी अजय कुमार जो कि मेहटियाणा थाने में कार्यरत...

जालंधर(कमलेश): पंजाब पुलिस के मुलाजिमों पर एक बार फिर से एक व्यक्ति को मजबूर कर चिट्टा बिकवाने के आरोप लगे हैं। सुखविन्द्र सिंह वासी गांव माना थाना मेहटियाणा होशियारपुर ने प्रैस कान्फ्रैंस में बताया कि 2015 में पुलिसकर्मी अजय कुमार जो कि मेहटियाणा थाने में कार्यरत था, से उसकी दोस्ती हुई जो कि नशे का आदी था। उसने उसे भी नशे की लत लगा दी और वे रोज एक साथ नशा करने लगे।


5 महीने बाद अजय ने कहा कि अब उसे नशा बेचना भी होगा।ऐसा करके वह पैसे भी कमा सकता है और नशा भी कर सकता है। वह सुशील कुमार जो कि एस.एच.ओ. का गनमैन है, से नशा लेकर आता है और उसे साहब(एस.एच.ओ.) नशा देते हैं। सुशील और अजय ने उसे एस.एच.ओ. पलविन्द्र से भी मिलवाया और कहा कि साहब का हाथ तेरे सिर पर है, इसलिए बेधड़क अपना काम कर। वह कई महीने तक उनके द्वारा दिए हुए नशे को बेचता रहा जिसके लिए उसको अच्छे-खासे पैसे भी मिलते थे और पीने के लिए नशा भी मिलता था। नशा करने और बेचने के कारण उसके घर में कलह होने लगी, उसकी पत्नी ने उसके खिलाफ घरेलू हिंसा का केस भी किया। परिवार के समझाने पर उसने नशे के धंधे से दूरी बनाने की सोच ली। पुलिस को लगा इसकी बीबी उसे नशे का धंधा छोडऩे के लिए उकसा रही है और इसी के तहत 28 सितम्बर 2016 को एस.एच.ओ. पलविन्द्र सिंह पुलिस सहित उनके घर आया और उसे व उसकी पत्नी को थाने ले गया। उनके साथ कोई महिला पुलिसकर्मी भी नहीं थी। पुलिस ने छोडऩे के लिए 3 लाख की मांग की लेकिन इतने पैसों का बंदोबस्त नहीं हो सका जिस पर उसने 70 हजार रुपए देकर जान छुड़ाई। 


कुछ भी बरामद न होने पर फंसाया झूठे केस में
इसके बाद पुलिस ने 30 दिसम्बर 2016 को उसे फिर से उठा लिया। उसके पास से कुछ भी बरामद नहीं हुआ, फिर भी उसे 280 ग्राम नशीले पदार्थ के झूठे केस में फंसाकर जेल भेज दिया गया। उसकी पत्नी पर भी झूठा केस डाल दिया गया। मार्च 2017 में जमानत पर बाहर आ गया और परिवार के साथ साफ-सुथरी जिंदगी की शुरूआत की। एक वर्ष आराम से निकला था कि 25 अप्रैल 2018 को उस पर आम्र्ज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। 25 अप्रैल को वह दिल्ली में था, चाहे तो उसकी कॉल डिटेल भी चैक कराई जा सकती है, उसके पास टोल प्लाजा की पर्ची भी मौजूद है, उसे फिर से एक षड्यंत्र के तहत केस में फंसाया गया है।

साहब दोबारा थाने में आ गए हैं, काम शुरू कर वर्ना बड़े केस में फंसाकर भेजेंगे जेल
सुखविन्द्र ने बताया कि थोड़े दिन पहले अजय कुमार उसके पास आया और कहने लगा कि साहब दोबारा मेहटियाणा थाने में आ गए हैं, इसलिए वह दोबारा नशे का काम करे और ऐसा न करने पर उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उसे किसी बड़े केस में फंसाकर जेल भेज दिया जाएगा और इस बार आसानी से जमानत भी नहीं मिलेगी। सुखविन्द्र ने कहा कि अजय और सुशील का डोप टैस्ट किया जाए तो अवश्य ही नशे की पुष्टि होगी।

एस.एच.ओ. ने आरोपों को नकारा
महेटियाणा थाने के एस.एच.ओ. पलविन्द्र सिंह ने सारे आरोपों को नकारते हुए कहा कि उन्होंने पलविन्द्र को एक बार 280 ग्राम नशीले पाऊडर के साथ काबू किया था। इसके अलावा वह उससे कभी भी नहीं मिले। सुखविन्द्र के खिलाफ 4 केस दर्ज हैं और उन्होंने उसमें से एक केस ही दर्ज किया था। अप्रैल में एस.टी.एफ. ने उसके खिलाफ आम्र्ज एक्ट का केस दर्ज किया था, जिससे उनका कोई लेना-देना नहीं है। सुखविन्द्र के खिलाफ केस दर्ज करने के 3 माह बाद उनकी बदली हो गई थी और 15 दिन पहले ही उन्होंने मेहटियाणा थाने का चार्ज संभाला है तथा सुखविन्द्र पहले भी मीडिया के सामने आ सकता था। 

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