Edited By Mohit,Updated: 15 Dec, 2018 10:18 PM
वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की शिकायतों के आधार पर ही गत माह नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पंजाब सरकार को नदियों नालों की सफाई पर ध्यान ना देने के कारण 50 करोड रुप्ए जुर्माना किया गया था।
जालंधर (बुलंद): वातावरण प्रेमी संत बलबीर सिंह सीचेवाल की शिकायतों के आधार पर ही गत माह नैशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से पंजाब सरकार को नदियों नालों की सफाई पर ध्यान ना देने के कारण 50 करोड रुप्ए जुर्माना किया गया था। इसके बाद भी संत सीचेवाल ने कई बार काला संघिया ड्रेन की चैकिंग की है और हमेशा कोई ना कोई खामी पाई है। जिसकी रिपोर्ट वो दोबारा एनजीटी को भेजने की तैयारी में हैं।
मामले बारे पंजाब केसरी से खास बातचीत करते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि एनजीटी ने पंजाब को तथ्यों के आधार पर ही जुर्माना लगाया है। उस पर किंतु नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पंजाब में आम लोगों के जीने का हक छीना जा रहा है ओर उन्हें गंदे वातावरण में मरने को मजबूर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि गंदे पानी के कारण काला संघिया ड्रेन, चिट्टी बेईं, बुढ्ढा दरिया, सतलुज और ब्यास का सत्यानाश कर दिया गया है। जो पंजाब के लिए त्रास्दी है। उन्होंने कहा कि किसी को कोई हक नहीं हे कि वो पंजाब के वातावरण के साथ खिलवाड़ करे।
उन्होंने कहा कि गत दिनों कालासंधिया ड्रेन में चैकिंग के दौरान पाया गया कि जो सीवरेज का पानी ट्रीट करके ड्रेन में डाला जाना चाहिए था पर 50 एमएलडी के प्लांट के बावजूद भी सल्ज को अलग करने की बजाए एक साजिश के तहत ड्रेन में फेंका जा रहा है। सल्ज का प्रयोग को खेती बाडी में लाभदायक हो सकता है पर ट्रीटमैंट प्लांट चलाने वाले अपनी मेहनत से बचने के लिए उसे जमीन के नीचे पाईप डालकर ड्रेन में डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी सारी रिपोर्ट वो एनजीटी को भेजेंगे।
आगे बातचीत करते हुए संत सीचेवाल ने कहा कि पंजाब में होने वाले पंचायती चुनावों बारे लोगों सेअपील करते हुए कहा कि पंचायती चुनाव हमारे देश की राजनीति का पहला चरण है पर अगर पंजाब में सर्बसमति से पंचायतें चुनी जाती हैं तो पंजाब के गावों का विकास संभव हो सकता है। उन्होंने कहा कि अगर पंचायती चुनावों में ही पैसा, शराब ओर नशा बांटा जाएगा ओर परिवार के व गांव के लोग आपस में एक दूसरे से दुश्मनियां करेंगे तो गावों का विकास संभव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यह कोई विधानसभा या लोकसभा के चुनाव नहीं हैं। इसलिए पंचायती चुनावों के लिए सबको एकजुट होकर ओर मिलकर पंचायतें चुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायती चुनावों के दिन साहिबजादों के शहीदी के दिन हैं इसलिए इन दिनों में किसी भी हाल में नशे का प्रयोग ना किया जाए ओर ना ही चुनावों के नाम पर माहौल बिगाड़ा जाए।