Edited By Vatika,Updated: 17 May, 2018 04:51 PM
पंजाब में फसलों की नाड़ को जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार 2 वर्षों में पंजाब को 665 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हो गई है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रियों के सामने किसानों...
जालन्धर (धवन): पंजाब में फसलों की नाड़ को जलाने से रोकने के लिए केंद्र सरकार 2 वर्षों में पंजाब को 665 करोड़ रुपए देने के लिए तैयार हो गई है। सरकारी हलकों से पता चला है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने प्रधानमंत्री तथा केंद्रीय मंत्रियों के सामने किसानों द्वारा नाड़ को जलाने की समस्या से निपटने के लिए केंद्रीय सहायता की मांग की थी जिसे देखते हुए केंद्र अब 665 करोड़ की राशि देने के लिए तैयार हो गया है जिसमें से पहली किस्त 395 करोड़ की जल्द पंजाब को मिलने जा रही है।
नाड़ को जलाने से वातावरण प्रदूषण बढ़ रहा था। इसे देखते हुए केंद्र के सामने मुख्यमंत्री अमरेन्द्र ने किसानों की मदद करने का मामला उठाया था। केंद्र द्वारा अब दी जाने वाली राशि से नाड़ प्रबंधन के लिए पंजाब सरकार द्वारा कदम उठाए जाएंगे। नाड़ जलाने का मामला राष्ट्रीय ग्रीण ट्रिब्यूनल के ध्यान में भी चल रहा है।अब धान की फसल की बुआई अगले महीने शुरू हो जाएगी तथा धान की फसल को जब काटा जाएगा तो उसकी नाड़ को जलाने के कारण पैदा होने वाले प्रदूषण की तरफ नजरें टिकी रहेंगी।
सरकारी हलकों ने बताया कि केंद्र सरकार ने मुख्यमंत्री के तर्कों पर अपनी सहमति जताई है जिस कारण अब केंद्र से मिलने वाली राशि से किसानों की मदद की जाएगी ताकि वह नाड़ को न जलाएं तथा नाड़ को खत्म करने के लिए वैकल्पिक उपाय करें। 2016 में पंजाब में नाड़ जलाने की घटनाएं लगभग 85 प्रतिशत होती थी परन्तु कैप्टन सरकार बनने के बाद राज्य में नाड़ जलाने की घटनाएं कम होकर 62 प्रतिशत रह गई। अब इसे और कम करने की योजना पर अमल किया जाना है। केंद्र सरकार ने 2018-19 के बजट में वायु प्रदूषणक को कम करने के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया था तथा फसलों के अवशेषों के उचित प्रबंधन की तरफ भी सरकार की नजरें थी। पंजाब सरकार ने भी अपने वार्षिक बजट में इसके लिए लगभग 100 करोड़ की राशि रखी।