Edited By Updated: 23 Apr, 2016 02:24 PM
पंजाब की वित्तीय स्थिति पिछले कुछ साल ...
मुंबई: पंजाब की वित्तीय स्थिति पिछले कुछ साल से लगातार खराब होती जा रही है। अब यह काफी संकट की स्थिति में है। इंडिया रेटिंग्स ने एक नोट में यह बात कही। गोदामों से 20,000 करोड़ रुपए का खाद्यान्न गायब होने की वजह से इस समय पंजाब विवाद के केंद्र में है। पंजाब की वित्तीय स्थिति विशेष रूप से तरलता के संदर्भ में पिछले कुछ साल से संकटपूर्ण बनी हुई है।
नोट के अनुसार पंजाब की वित्तीय स्थिति 2011-12 से चिंताजनक है । राज्य ने 2016-17 में 19,500 करोड़ रुपए का इस्तेमाल ‘वेज एंड मींस एडवांस (डब्ल्यू.एम.ए.) यानी ‘अर्थोपाय अग्रिम’ के जरिए किया है। यह आंकड़ा 2015-16 में 17,000 करोड़ रुपए था। इसके तहत रिजर्व बैंक राज्यों को उनकी आय और व्यय के बीच होने वाले अंतर की समय-समय पर भरपाई करता रहता है।
स्थिति इतनी खराब है कि सरकार ने जालंधर में विधवाओं के लिए गांधी वनिता आश्रम तथा भटिंडा, अमृतसर और गोइंदवाल में जेलभवनों को गिरवी रख कर बैंकों से नकदी जुटाई है। पिछले 2 साल के दौरान पंजाब का सकल राजकोषीय घाटा 23 प्रतिशत बढ़कर 2016-17 (बजट अनुमान) में 13,087 करोड़ रुपए पर पहुंच गया है। वहीं इस दौरान सार्वजनिक ऋण 32.3 प्रतिशत बढ़ा है।