सिख दंगा पीड़ित करेंगे कैप्टन अमरिंदर सिंह का घेराव

Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 May, 2018 06:27 PM

protest against captain amarinder singh

वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़तिों ने लाल कार्ड रद्द करने के विरोध में राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का शाहकोट दौरे के दौरान घेराव करने का एलान किया है।  वर्ष 1984 सिख कत्लेआम पीड़ति वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान सुरजीत सिंह ने अन्य दंगा पीड़तिों...

 जालंधर: वर्ष 1984 के सिख दंगा पीड़तिों ने लाल कार्ड रद्द करने के विरोध में राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह का शाहकोट दौरे के दौरान घेराव करने का एलान किया है।  वर्ष 1984 सिख कत्लेआम पीड़ति वेलफेयर सोसाइटी के प्रधान सुरजीत सिंह ने अन्य दंगा पीड़तिों सहित आज प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि पंजाब सरकार बदले की भावना से दंगा पीड़तिों को मिल रही सुविधाओं को रद्द कर रही है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2006 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने पुर्नवास योजना के तहत दंगा पीड़तिों को दो दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी थी। इसके अतिरिक्त पीड़तिों को मकान तथा बूथ भी आवंटित किए गए थे जिन्हें राज्य सरकार वापस करने के लिए नोटिस भेज रही है।  सिंह ने बताया कि अधिकारियों द्वारा गहन जांच पड़ताल के पश्चात 1986, 2001 और 2010 में राज्य में कुल 27000 दंगा पीड़तिों के लाल कार्ड बनाए गए थे जिसके आधार पर पीड़तिों को अनुदान आदि दी जाती है। उन्होंने बताया कि अब लुधियाना के 170 पीड़तिों के लाल कार्ड रद्द कर दिए गए हैं तथा अन्य 135 पीड़तिों के कार्ड रद्द करने के लिए राज्य सरकार ने न्यायालय में शपथ पत्र दाखिल कर दिया है जिसके आधार पर पीड़तिों को नोटिस जारी कर लाल कार्ड जमा करवाने, दो लाख की अनुदान वापस जमा करवाने तथा मकान अथवा बूथ खाली करने के लिए कहा जा रहा है।

सिंह ने कहा कि 1984 में कांग्रेस सरकार के कारण ही वह उजड़ कर पंजाब आए थे लेकिन यहां भी कांग्रेस एक बार फिर उनके घर उजाडऩे की तैयारी कर रही है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश और दिल्ली से पलायन कर आए लोग पंजाब में बेहद तंगहाली का जीवन गुजार रहे हैं जिनमें से कुछ महिलाएं लोगों के घरों में बर्तन साफ कर अपना जीवन यापन कर रही हैं। ऐसे में अगर अब सरकार दो लाख रुपये वापस करने की मांग कर रही है तो लोग कहां से दें।  दंगा पीड़ति 82 वर्षीय सुरजीत कौर जो गोरखपुर से पलायन कर यहां आई थी, उसने बताया कि कैसे उसकी आंखों के सामने उनकी कपड़े की दुकान को लूट लिया गया तथा उनके साथ मारपीट कर उन्हें वहां से भगा दिया गया। इसी प्रकार दिल्ली के त्रिलोकपुरी से अमरजीत सिंह तथा उत्तर प्रदेश के बलिया से पलायन कर आए चरणजीत सिंह ने बताया कि उनकी आंखों में सामने उनके घर और दुकानें लूट ली गई परिजनों की हत्या कर दी गई। लेकिन दंगा दोषियों को सजा देने की बजाए सरकार एक बार फिर उन्हें उजाडऩे की कोशिय कर रही है। सिंह ने कहा कि सभी प्रभावित परिवार मुख्यमंत्री के शाहकोट दौरे के दौरान उनका घेराव कर इंसाफ की मांग करेंगे। 

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