Edited By swetha,Updated: 14 Oct, 2018 04:04 PM
अक्सर देखा गया है कि पुलिस अपराधियों की धरपकड़ में तो तेजी दिखाती है, मगर बाद में उस केस को सही ढंग से फालो नहीं कर पाती। नतीजा यह निकलता है कि पहले अपराधी आसानी से जमानत पर छूट जाता है और दोबारा अपराध की दुनिया में उतर जाता है। वहीं, चालान पेश होने...
जालंधर (रविंदर): अक्सर देखा गया है कि पुलिस अपराधियों की धरपकड़ में तो तेजी दिखाती है, मगर बाद में उस केस को सही ढंग से फालो नहीं कर पाती। नतीजा यह निकलता है कि पहले अपराधी आसानी से जमानत पर छूट जाता है और दोबारा अपराध की दुनिया में उतर जाता है। वहीं, चालान पेश होने के बाद कमजोर प्रॉसीक्यूशन के कारण अधिकांश अपराधी बरी हो जाते हैं और लचर कानून का भरपूर फायदा उठाते हैं। मगर अब ऐसा नहीं होने वाला है।
‘पंजाब केसरी’ से बात करते हुए पुलिस कमिश्रर गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने कहा कि कि अलग से प्रॉसीक्यूशन सैल का गठन किया जाएगा। ए.सी.पी. रैंक के अधिकारी की निगरानी में रोजाना हर केस की इंवैस्टीगेशन की जाएगी। किसी भी अपराधी की गिरफ्तारी के बाद हर सबूत जुटाया जाएगा और रोजाना उस केस की समीक्षा की जाएगी। इसके अलावा वाच एंड फॉलो के तहत अगर कोई अपराधी जमानत पर छूटता है या सजायाफ्ता कैदी पैरोल पर आता है तो उस पर थाना स्तर से निगरानी रखी जाएगी, क्योंकि एक रिकार्ड के मुताबिक जेल से छूटने वाले 90 प्रतिशत अपराधी फिर दोबारा उसी धंधे में संलिप्त पाए गए हैं।