Edited By swetha,Updated: 16 Dec, 2018 08:36 AM
जिले की 882 पंचायतों के 30 दिसम्बर को होने वाले चुनावों में ड्यूटी और रिहर्सल से संबंधित प्रशासन द्वारा जारी चिट्ठियां मिलते ही पूरे जिले में अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों में हड़कंप वाली स्थिति देखने को मिली। बड़ी गिनती में कर्मचारियों ने इस बात...
जालंधर(अमित): जिले की 882 पंचायतों के 30 दिसम्बर को होने वाले चुनावों में ड्यूटी और रिहर्सल से संबंधित प्रशासन द्वारा जारी चिट्ठियां मिलते ही पूरे जिले में अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों में हड़कंप वाली स्थिति देखने को मिली। बड़ी गिनती में कर्मचारियों ने इस बात को लेकर जुगाड़ लगाना आरंभ कर दिया कि किसी न किसी तरह वे अपनी ड्यूटी कटवा सकें।
गत दिवस बाद दोपहर जिला प्रशासनिक काम्पलैक्स में चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए आने वालों की भीड़ बढऩे लगी। ऐसा नहीं है कि इस बार ज्यादा लोग अपनी ड्यूटी कटवाने के लिए आ रहे हैं बल्कि यह नजारा हर चुनाव के दौरान देखने को मिलता है। हर बार सैंकड़ों की तादाद में लोग प्रशासनिक काम्पलैक्स में ड्यूटी कटवाने के लिए चक्कर लगाते देखे जाते हैं।
हालांकि चुनावी ड्यूटी के लिए हर किसी को अलग से मेहनताना भी दिया जाता है, मगर फिर भी अधिकतर लोगों का यही मानना है कि किसी तरीके से इससे बचा जाए चाहे इसके लिए ऊंची से ऊंची पहुंच क्यों न इस्तेमाल करनी पड़े। चुनावी ड्यूटी कटवाने वालों में लगभग 20 से 30 प्रतिशत लोग सही मायनों में जायज होते हैं लेकिन ऐसे लोग ऊंची पहुंच और सिफारिश वालों के आगे हार जाते हैं और उन्हें मजबूरन जैसे-तैसे ड्यूटी निभानी पड़ती है।
स्टाफ की पहले ही किल्लत, नहीं दी जा सकती रियायत: ए.डी.सी.
ए.डी.सी. (डी) जङ्क्षतद्र जोरवाल का कहना है कि उनके पास पहले ही स्टाफ की काफी किल्लत है, ऐसे में अगर वह स्टाफ की ड्यूटी काटते हैं तो चुनावी प्रक्रिया को सही ढंग से चलाना बेहद मुश्किल साबित हो सकता है इसलिए किसी को कोई रियायत देना संभव नहीं है।
खुशी-खुशी करनी चाहिए लोकतांत्रिक सेवा: डी.सी.
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि यह हमारी खुशकिस्मती है कि हमें इस लोकतांत्रिक सेवा का अवसर प्राप्त होता है। केवल सरकारी कर्मचारियों को ही यह सौभाग्य प्राप्त है, इसलिए हर किसी को खुद आगे बढ़कर खुशी-खुशी अपनी ड्यूटी निभानी चाहिए। ड्यूटी कटवाने वालों के चक्कर में प्रशासन का काम और भी बढ़ जाता है, क्योंकि आवेदकों की लिस्ट बनाना, शोकॉज नोटिस जारी करना आदि ऐसे काम होते हैं जिनके लिए अतिरिक्त स्टाफ को लगाना पड़ता है इसलिए किसी को ड्यूटी कटवाने की जगह खुशी-खुशी अपनी ड्यूटी करनी चाहिए।