Edited By Vatika,Updated: 06 Nov, 2018 12:42 PM
कीमती जानें तब तक खतरे में ही रहेंगी जब तक सड़कों के बीच खड़े होते ओवरलोड ट्रक और टिप्परों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कड़ा शिकंजा नहीं कसती। हर रोज कहीं न कहीं ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से किसी न किसी की जान चली जाती है। इसके बावजूद पुलिस ऐसे वाहनों...
जालंधर(महेश): कीमती जानें तब तक खतरे में ही रहेंगी जब तक सड़कों के बीच खड़े होते ओवरलोड ट्रक और टिप्परों के खिलाफ ट्रैफिक पुलिस कड़ा शिकंजा नहीं कसती। हर रोज कहीं न कहीं ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से किसी न किसी की जान चली जाती है। इसके बावजूद पुलिस ऐसे वाहनों पर कोई कड़ी कार्रवाई न कर सिर्फ छोटे वाहनों के ही चालान काटने में लगी रहती है।
जब कोई बड़ा हादसा होता है तो मात्र खानापूर्ति के लिए कुछ दिन के लिए ट्रैफिक पुलिस सड़कों से निकलने वाले ओवरलोड बड़े-बड़े वाहनों जैसे कि ट्रक, टिप्पर, कंटेनर, बसें व ट्रैक्टर-ट्रालियां इत्यादि पर कार्रवाई करती दिखाई देगी, उसके बाद फिर पूर्ववत ही शुरू हो जाता है। यही कारण है कि ट्रैक्टर-ट्रालियां व ट्रक-टिप्पर व अन्य वाहन चालक पुलिस की परवाह नहीं करते और सरेराह कई-कई घंटे खड़े रहते हैं और दिन के समय ही ओवरलोड सामान लेकर जा रहे होते हैं। शनिवार की ही बात की जाए तो चौगिट्टी फ्लाईओवर पर बजरी से ओवरलोड एक टिप्पर डिवाइडर पर जा चढ़ा जिससे कोई बड़ा हादसा भी हो सकता था, अगर वह किसी अन्य वाहन के ऊपर पलट जाता।
लाडोवाली रोड पर हर रोज खड़े होते हैं ट्रक : सुबह के समय करीब हर रोज ही लाडोवाली रोड पर धान से ओवरलोड ट्रक खड़े देखे जा सकते हैं जो कि फूड कार्पोरेशन गोदाम के बाहर जुनेजा पार्क के नजदीक सड़क के दोनों साइडों पर होते हैं और यह समय सुबह 5 से 8 बजे के बीच का होता है। इस दौरान वहां से सैर के लिए निकलते लोगों, स्कूली बसों तथा अन्य छोटे-बड़े वाहनों को भारी मुश्किल में से निकलना पड़ता है। ऐसे में अगर कोई हादसा हो जाता है तो उसका जिम्मेदार कौन होगा? यह एरिया थाना बारादरी के अधीन आता है, थाने की पुलिस वहां से निकलती भी है लेकिन ट्रक वालों से कोई पूछताछ नहीं की जाती और न ही ट्रैफिक पुलिस का इस ओर कोई ध्यान जाता है।