Edited By Anjna,Updated: 20 Jun, 2018 07:31 AM
नैशनल इन्फॉर्मैटिक्स सैंटर, केंद्र सरकार द्वारा निर्मित देश का पहला ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर नैशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन साफ्टवेयर (एन.जी.डी.आर.एस.) जिसे आदमपुर के बाद जालंधर की अन्य 11 तहसीलों में मंगलवार को विधिवत रूप से लांच किया...
जालंधर (अमित): नैशनल इन्फॉर्मैटिक्स सैंटर, केंद्र सरकार द्वारा निर्मित देश का पहला ऑनलाइन लैंड रजिस्ट्रेशन सॉफ्टवेयर नैशनल जैनरिक डाक्यूमैंट रजिस्ट्रेशन साफ्टवेयर (एन.जी.डी.आर.एस.) जिसे आदमपुर के बाद जालंधर की अन्य 11 तहसीलों में मंगलवार को विधिवत रूप से लांच किया गया, बुरी तरह से फ्लॉप साबित हुआ, क्योंकि तहसील-1 में केवल 8 दस्तावेज रजिस्टर्ड हुए, जबकि तहसील-2 का स्कोर 1 रहा। गौर हो कि इससे पहले आमतौर पर तहसील-1 में औसतन 70-80 और तहसील-2 में 40-50 दस्तावेज रोजाना रजिस्टर्ड हुआ करते थे। इस तरह की बुरी शुरूआत के पीछे असली कारण जो बताया जा रहा है, वह यह कि वसीका नवीसों में इस प्रोजैक्ट को लेकर जागरूकता की काफी कमी है।
जिस वजह से उन्हें इस बात का फिलहाल पता ही नहीं है कि कैसे ऑनलाइन दस्तावेज अपलोड करके रजिस्ट्रेशन के लिए अप्वाइंटमैंट ली जानी है। इस काम को पटरी पर आने में अभी कुछ समय लग सकता है। यह कहना गलत नहीं होगा कि पहले की भांति रूटीन कामकाज जुलाई के पहले सप्ताह से पूर्व शुरू होना मुश्किल प्रतीत हो रहा है।
कुछ दिन अधिकारियों व कर्मचारियों को देर रात तक करना पड़ सकता है काम
जिस तरह से प्रोजैक्ट की शुरूआत हुई है उसे देखते हुए यह कहना भी गलत नहीं होगा कि कुछ दिन अधिकारियों व कर्मचारियों को देर रात तक बैठ कर काम करना पड़ सकता है क्योंकि ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत एक दस्तावेज को रजिस्टर करने में 5 से 10 मिनट का समय लगता है मगर फिलहाल कर्मचारियों की स्पीड काफी धीमी है और एक दस्तावेज को 30 मिनट तक भी लग रहे हैं। पहले दिन सामने आई कई तकनीकी खराबियों के कारण भी तहसील-1 के अंदर शाम 5 बजे के बाद भी 4-5 दस्तावेज रजिस्टर किए जाने बाकी थे। अगर इसी प्रकार से काम चलता है तो शाम 5 बजे तक आई सारी अप्वाइंटमैंट्स को निपटाकर ही अधिकारी घर जा सकेंगे, फिर चाहे उन्हें रात के 10 ही क्यों न बज जाएं।
शुरूआती दौर में परेशानियां आती हैं, धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा: डी.सी.
डी.सी. वरिंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि हर नए काम के शुरूआती दौर में परेशानियां आती हैं मगर धीरे-धीरे सब ठीक हो जाएगा। प्रशासन की तरफ से निरंतर ऑनलाइन प्रोजैक्ट की निगरानी की जाएगी और जहां जरूरत महसूस होगी वहां अधिकारी तुरंत एक्शन लेते हुए जनता को हर सुविधा प्रदान करने के लिए तत्पर रहेंगे।
बिना पूरी तैयारी के प्रैशर के तहत शुरू किया प्रोजैक्ट
प्रशासन द्वारा बिना पूरी तैयारी के केवल सरकार के प्रैशर की वजह से इसे तुरंत शुरू किया गया है। हालांकि इस प्रोजैक्ट से जुड़े अधिकतर लोगों का यही मानना था कि फिलहाल 8-10 दिन के लिए ट्रायल-रन करके वसीका नवीसों और आम जनता को इसकी सही जानकारी देनी चाहिए ताकि जब इसे विधिवत रूप से शुरू किया जाए तो किसी किस्म की परेशानी न आए।
सुबह 9 बजे से कम्प्यूटर पर करते रहे कोशिश, बाद दोपहर सफलता लगी हाथ
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने का पता लगते ही तहसील के एक वसीका नवीस द्वारा सुबह 9 बजे ही कम्प्यूटर पर इस बात की कोशिश की जाती रही कि किसी तरह से अप्वाइंटमैंट ले ली जाए, मगर किसी न किसी कारणवश उसे अप्वाइंटमैंट नहीं मिली। बाद दोपहर को एक टैक्नीकल एक्सपर्ट को बुलाने पर सफलता हाथ लगी और प्रक्रिया को लेकर थोड़ी-बहुत स्पष्टता मिलने से अप्वाइंटमैंट का काम शुरू हो सका।
एक ही कमरे में 2 कम्प्यूटर लगाकर शुरू किया काम
जिस दिन से बतौर सब-रजिस्ट्रार-1 और 2 एक ही अधिकारी की नियुक्ति की खबर आई थी, सबके मन में यही सवाल खड़ा हो रहा था कि ऑनलाइन प्रक्रिया के दौरान कैसे एक ही समय में अधिकारी 2 तहसीलों का काम देख सकेंगे, मगर एन.आई.सी. की तरफ से इस बात का हल निकालते हुए सब-रजिस्ट्रार-1 के कमरे में ही 2 कम्प्यूटर सिस्टम इंस्टाल करके मंगलवार सुबह काम शुरू कर दिया गया जिसके तहत तहसील-1 और 2 दोनों के आर.सी. अपने-अपने कम्प्यूटर सिस्टम के ऊपर बैठकर काम करेंगे, जबकि अधिकारी अपनी कुर्सी पर बैठकर रजिस्ट्रेशन का काम देखेंगे।
पहले दिन आया विधायक का फोन, सब-रजिस्ट्रार ने कहा बिना अप्वाइंटमैंट नहीं कर सकते रजिस्ट्रेशन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार सब-रजिस्ट्रार गुरदेव सिंह धम्म को पहले ही दिन एक विधायक का फोन आया जिन्होंने अपने किसी परिचित की रजिस्ट्री आऊट-आफ-टर्न करने के लिए कहा मगर उन्होंने साफ जवाब देते हुए कहा कि बिना अप्वाइंटमैंट रजिस्ट्रेशन नहीं कर सकते। इससे एक बात तो साफ हो जाती है कि ऑनलाइन प्रक्रिया में किसी की सिफारिश भी काम नहीं आएगी और हर किसी को अपनी बारी पर ही काम करवाना होगा।