Edited By Punjab Kesari,Updated: 13 Jan, 2018 07:37 AM
अब महानगर की सड़कों पर भिखारी नहीं दिखेंगे क्योंकि जालन्धर में भीख जैसी बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पुलिस और सिविल अधिकारियों की स्पैशल फोर्स गठित करने का फैसला लिया है, जो जिले में भिखारियों को पकड़ कर उनके पुनर्वास के लिए...
जालंधर(अमित): अब महानगर की सड़कों पर भिखारी नहीं दिखेंगे क्योंकि जालन्धर में भीख जैसी बुराई को समाप्त करने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने पुलिस और सिविल अधिकारियों की स्पैशल फोर्स गठित करने का फैसला लिया है, जो जिले में भिखारियों को पकड़ कर उनके पुनर्वास के लिए काम करेगी। इस संबंधी फैसला शुक्रवार को डी.सी. दफ्तर में सिविल जज सीनियर डिवीजन -कम-सचिव जिला कानूनी सेवाएं अथारिटी गुरमीत टिवाना, डी.सी. वरिंदर कुमार शर्मा और ए.डी.सी.पी. गौतम सिंघल द्वारा एक बैठक के दौरान लिया गया।
बैठक में भीख की बुराई पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा गया कि इससे समाज पर काफी बुरा प्रभाव पड़ता है। मीटिंग में कहा गया कि भीख मांगने वाले बच्चों को जुवेनाइल रीहैबलिटेशन एक्ट के अन्तर्गत वैल्फेयर होम/ डिटैंशन होम या स्पैशल होम में भेजकर उनके पुनर्वास के प्रयत्न किए जाएंगे। बार-बार भीख मांगने वाले व्यक्ति को पकड़े जाने पर 3 साल की सजा हो सकती है। इस तरह यदि कोई व्यक्ति किसी बच्चे को भीख मांगने के लिए मजबूर करता है तो उसको 5 साल की सजा हो सकती है। बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि इस संबंधी अधिकारियों/ कर्मचारियों को जानकारी देने के उद्देश्य से विशेष जागरूकता अभियान भी शुरू किया जाएगा।