Edited By Updated: 20 Oct, 2016 03:30 PM
'उसूलों पर आंच आएं तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। ' 'शेर'-ओ-शायरी और अपनी हंसी के साथ लोगों के चेहरे पर खुशी लाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को कौन नहीं जानता।
जालंधर: 'उसूलों पर आंच आएं तो टकराना जरूरी है, जिंदा हो तो जिंदा नजर आना जरूरी है। ' 'शेर'-ओ-शायरी और अपनी हंसी के साथ लोगों के चेहरे पर खुशी लाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू को कौन नहीं जानता। क्रिकेट के साथ-साथ राजनीति में धाक जमा चुके नवजोत सिद्धू का आज 53वां जन्मदिन है। आर्इए एक नजर डालते है सिद्धू के अब तक के सफर पर...
पंजाब के पटियाला में पैदा हुए नवजोत सिंह सिद्धू
सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू भी राजनीति में हैं। शुरूआती जीवन में सिद्धू बहुत सादे स्वभाव के थे और चुप रहते थे लेकिन उनकी पत्नी ने उनके जीवन को खुशियों से भर उनका हौसला बढ़ाया। क्रिकेट की दुनिया में 'सिक्सर सिद्धू' के नाम से मशहूर सिद्धू का जन्म 20 अक्तूबर, 1963 को पंजाब के पटियाला शहर में हुआ। सिद्धू का बार-बार 'ओ गुरु' कहने वाला डॉयलाग तो अब पूरे देश में लोकप्रिय हो चुका है। उनके बनाए गए डॉयलाग को 'सिद्धूइज़म' कहा जाता है।
बेटे को पसंद है स्पोर्ट्स तो बेटी को है मॉडलिंग का क्रेज
सिद्धू के परिवार में पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, बेटा करन और एक बेटी राबिया है। सिद्धू की पत्नी डॉ. नवजोत कौर भी राजनीति में हैं। सूत्रों के मुताबिक राबिया मॉडलिंग और एक्टिंग की दुनिया में अपना करियर बना सकती है और बेटा करन जो स्पोर्ट्स लवर हैं। हाल ही में राबिया की तस्वीरें इंटरनैट पर वायरल हुर्इ थी, जिसमें वह बेहद ही खूबसूरत और हॉट नजर आ रही थी।
एक नजर नवजोत सिद्धू के सियासी सफर पर
2004 से 2014 तक सिद्धू अमृतसर सीट से भाजपा के सांसद रहे हैं। 2014 के आम चुनाव में उनकी टिकट काटकर इस सीट पर वर्तमान वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेतली को मैदान में उतारा गया था, लेकिन उन्हें कांग्रेस के कैप्टन अमरेंद्र सिंह से हार का सामना करना पड़ा। वहीं बजट सत्र के दूसरे भाग में संसद की कार्रवाई शुरू होते राज्यसभा में सबसे पहले भाजपा के नए सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने सदस्यता की शपथ ली थी लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वहीं सिद्धू ने आवाज-ए-पंजाब के नाम से नए फ्रंट का ऐलान किया है।