Edited By Vatika,Updated: 22 Aug, 2018 11:01 AM
वित्तीय संकट के कारण नगर निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पाता, जिस कारण हड़तालें तक हो चुकी हैं परन्तु अब निगम के सामने नई समस्या आ गई है। अब निगम के ठेकेदारों ने विकास कार्यों के टैंडरों का बायकाट करने का फैसला लगभग ले लिया है, जिस...
जालंधर(खुराना): वित्तीय संकट के कारण नगर निगम अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दे पाता, जिस कारण हड़तालें तक हो चुकी हैं परन्तु अब निगम के सामने नई समस्या आ गई है। अब निगम के ठेकेदारों ने विकास कार्यों के टैंडरों का बायकाट करने का फैसला लगभग ले लिया है, जिस कारण शहर निवासियों को टूटी सड़कों से निजात मिलने में कुछ और समय लगने की सम्भावना बन रही है।
ठेकेदारों के शिष्टमंडल ने आज नगर निगम कमिश्रर दीपर्व लाकड़ा से मुलाकात करके उनके सामने पेमैंट का रोना रोया और कहा कि 2016 के बाद उन्हें ढंग से पेमैंट नहीं हुई। नवम्बर 2017 में ठेकेदारों को एक-एक, दो-दो लाख रुपए दिए गए परन्तु अब ठेकेदारों का करीब 40 करोड़ रुपए का बकाया निगम की ओर खड़ा हो गया है, जिस कारण आगे विकास कार्य करना मुश्किल हो गया है। ठेकेदारों की सारी पूंजी निगम की ओर खड़ी हो गई है। कमिश्रर ने ठेकेदारों की बातों को सुना और फिलहाल कोई आश्वासन नहीं दिया है।
पैचवर्क के टैंडर भी नहीं भरेंगे
निगम ठेकेदारों ने बताया कि निगम प्रशासन द्वारा शहर में पैचवर्क तथा मामूली रिपेयर हेतु करीब 8 करोड़ रुपए के टैंडर लगाए जा रहे हैं परन्तु फंड की कमी के कारण ठेकेदार वह टैंडर भी नहीं भरेंगे। ठेकेदारों का कहना है कि वर्तमान में भी जो काम चल रहे हैं उन्हें भी जारी रखना मुश्किल हो गया है।
विधायकों से मिलेंगे ठेकेदार
ठेकेदारों ने बताया कि उन पर पार्षद तथा विधायक लगातार काम करने का दबाव बना रहे हैं परन्तु पेमैंट न मिलने के कारण ठेकेदारों के हाथ खड़े हो गए हैं। अगले चरण में शहर के सभी विधायकों से मिलकर उन्हें असलियत बताई जाएगी।