Edited By Punjab Kesari,Updated: 20 Jul, 2018 02:00 PM
पिछले कई दिनों से हड़ताल पर चल रहे नगर निगम के कर्मचारियों ने आज मंगलवार तक अपनी हड़ताल टाल दी। इसके बाद सभी निगम कर्मचारी अपने काम पर वापस लौट आए। इससे पहले प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए जालंधर छावनी क्षेत्र से विधायक परगट सिंह ने आश्वासन...
जालंधर (खुराना): पिछले कई दिनों से हड़ताल पर चल रहे नगर निगम के कर्मचारियों ने आज मंगलवार तक अपनी हड़ताल टाल दी। इसके बाद सभी निगम कर्मचारी अपने काम पर वापस लौट आए। इससे पहले प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए जालंधर छावनी क्षेत्र से विधायक परगट सिंह ने आश्वासन दिया कि मंगलवार से पहले यूनियन नेताओं की बैठक लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू से करवाई जाएगी।
विधायक परगट सिंह ने आश्वासन दिया कि भविष्य में निगम कर्मचारियों को समय पर वेतन मिले, इसके लिए उचित प्रबंध करवाए जाएंगे और प्रक्रिया बनाई जाएगी कि पहले चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को वेतन रिलीज हो, उसके बाद ऊपरी स्तर के कर्मचारी व अधिकारी अपना वेतन लें। हड़ताल खुलवाने के समय मेयर जगदीश राजा तथा पार्षद रोहन सहगल, अमरीक सिंह बागड़ी, दविंद्र सिंह रौणी, अरुण जैन, जगजीत सिंह जीता, अवतार सिंह आदि उपस्थित थे।
महीना हो गया, 93 बिल्डिंगों की रिपोर्ट नहीं सौंपी
विधायक परगट सिंह तथा मेयर जगदीश राजा ने निगम यूनियन के नेताओं को साफ शब्दों में कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू के दौरे के महीने बाद भी निगमाधिकारियों ने 93 बिल्डिंगों की रिपोर्ट नहीं सौंपी। ऐसे में वह किस मुंह से नवजोत सिद्धू के पास जाकर सस्पैंड कर्मचारियों की बहाली की मांग करें। मेयर जगदीश राजा ने तो साफ शब्दों में कह दिया कि निगमाधिकारियों ने उन्हें 34 बिल्डिंगों की जो आधी-अधूरी लिस्ट सौंपी, उसमें भी सिर्फ 2 बिल्डिंगों की रिपोर्ट सही थी, बाकियों की गलत। विधायक परगट सिंह ने भी कहा कि निगम स्टाफ को 93 बिल्डिंगों की सही-सही रिपोर्ट मंत्री को देनी होगी। उसके बाद अवैध बिल्डिंगों को गिराने या कम्पाऊंड करने बारे कोई फैसला लिया जाएगा।
निगम कर्मियों हेतु बनेगा सैल्फ-हैल्प फंड
विधायक परगट सिंह ने आज जहां हड़ताली निगम कर्मियों को सम्बोधित करते हुए उनके वेतन तथा अवैध बिल्डिंगों बारे विस्तार से बताया वहीं उन्होंने कहा कि निगम कर्मियों की आर्थिक दशा सुधारने हेतु सैल्फ-हैल्फ फंड गठित किया जाना चाहिए। जिसके लिए वह नवजोत सिद्धू से बात करेंगे। यह फंड निगम कर्मियों के पैसे से ही बनेगा जिसमें सरकार भी कुछ हिस्सा डाले। इस फंड से उन कर्मचारियों की सहायता की जाए जिन्हें शादी, बीमारी या अन्य परिस्थिति में ऋण की आवश्यकता हो। इससे निगम कर्मचारी भारी-भरकम ब्याज के बोझ से बचेंगे। विधायक परगट सिंह ने कहा कि शहर के सिस्टम को ठीक करने की जिम्मेदारी सभी पर बराबर की है। कर्मचारी अपनी ड्यूटी ईमानदारी से करें। सरकार उनके हितों का ख्याल रखे, कर्मचारी अनावश्यक पॉलीटिकल प्रैशर मानने से साफ इंकार करें और दबाव रहित होकर निगम की आय बढ़ाने हेतु कार्य करें।
चोर, ठग निगम कर्मचारी बख्शे नहीं जाएंगे : परगट
निगम कर्मचारी इस बात को लेकर हड़ताल पर थे कि नवजोत सिद्धू के आदेशों के बाद सस्पैंड किए गए निगमाधिकारियों को बहाल किया जाए। परगट सिंह ने वेतन के मामले में जहां निगम कर्मचारियों और यूनियन नेताओं का पक्ष लिया, वहीं परगट सिंह ने साफ शब्दों में प्रदर्शनकारियों को कहा कि जिन चोर, ठग कर्मचारियों ने अवैध बिल्डिंगों के नाम पर करोड़ों रुपए रिश्वत के रूप में लिए हैं, उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा बल्कि उन्हें टर्मिनेट तक किया जाएगा। परगट सिंह ने कहा कि अवैध बिल्डिंगों को बनवाने में बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों से लेकर कर्मचारियों तक ने बिल्डिंग मालिकों, आर्किटैक्टरों इत्यादि के साथ मिलकर अपनी जेबें भरीं और निगम के खजाने में पैसा नहीं आने दिया जिस कारण आज निगम वेतन तक नहीं दे पा रहा। विधायक परगट सिंह ने कहा कि जिस बिल्डिंग से निगम को 10 लाख रुपए आ सकते थे, उस बिल्डिंग को अवैध रूप से बनवाकर निगमाधिकारियों ने एक लाख रुपए अपनी जेब में डाल लिए और निगम का 10 लाख का नुक्सान कर दिया। परगट सिंह ने कहा कि 93 बिल्डिंगों के मामले में ही निगम को करोड़ों रुपए की चपत लगी। उन्होंने कहा कि 93 बिल्डिंगों की जांच के बाद जो अधिकारी निर्दोष पाए जाएंगे उनका बाल भी बांका नहीं होने दिया जाएगा।