Edited By Vatika,Updated: 20 Jul, 2018 01:30 PM
बड़े-बड़े मैरिज पैलेसों से लेकर घरों में होने वाले छोटे से छोटे समारोहों में भी आजकल मिनरल वाटर पीने-पिलाने का रिवाज-सा चल पड़ा है, परन्तु मिनरल वाटर का गिलास या बोतल पीते समय शायद ही कोई इसके ऊपर लगा मार्का देखता हो। आम लोग तो यह पहचान भी नहीं पाते...
जालंधर (खुराना, रविन्दर): बड़े-बड़े मैरिज पैलेसों से लेकर घरों में होने वाले छोटे से छोटे समारोहों में भी आजकल मिनरल वाटर पीने-पिलाने का रिवाज-सा चल पड़ा है, परन्तु मिनरल वाटर का गिलास या बोतल पीते समय शायद ही कोई इसके ऊपर लगा मार्का देखता हो। आम लोग तो यह पहचान भी नहीं पाते कि मिनरल वाटर के नाम पर जो पानी वह पी रहे हैं वह पीने लायक है भी या नहीं।
दूसरी ओर सरकार ने इस मामले में जो नियम बना रखे हैं उनका प्रचार-प्रसार न होने की वजह से आम लोगों को मिनरल वाटर की क्वालिटी व अन्य मानकों बारे ज्यादा जानकारी नहीं है। देश में 2016 में इंडियन स्टैंडर्ड एक्ट बनाया गया था जिसके तहत कोई भी कम्पनी अपने आपको ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के साथ रजिस्टर्ड करवाकर अपनी गुणवत्ता के लिए आई.एस.आई. मार्क नहीं करवाती तो उसके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान है जिसके तहत 2 साल की सजा या 2 लाख रुपए जुर्माना या दोनों सजाएं एक साथ हो सकती हैं।पंजाब की बात करें तो इस राज्य में पैक्ड वाटर बनाने हेतु 63 के करीब कम्पनियों ने लाइसैंस ले रखा है परन्तु दूसरी ओर अमृतसर, जालंधर, बटाला व कुछ अन्य शहरों में ही 125 के करीब कम्पनियां बिना लाइसैंस पैक्ड वाटर तैयार कर रही हैं और इस नकली मिनरल वाटर का प्रयोग धड़ल्ले से मैरिज पैलेसों, होटलों व अन्य समारोहों स्थलों पर किया जा रहा है।
पैक्ड वाटर सप्लायर्स तथा मैरिज पैलेस मालिकों इत्यादि को आई.एस.आई. मार्क तथा पैक्ड वाटर नियमों से अवगत करवाने हेतु पंजाब पैकिंग ङ्क्षड्रकिंग वाटर एसो. की ओर से आज ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के साथ मिलकर एक अवेयरनैस कैम्प का आयोजन किया गया जिसमें ब्यूरो की डायरैक्टर जनरल पंजाब अर्चना रोहेला, असिस्टैंट डायरैक्टर प्रवीर चौबे तथा दिल्ली से डायरैक्टर मीनल पासी विशेष रूप से मौजूद रहे।बैठक दौरान पंजाब पैकिंग ड्रिकिंग वाटर एसोसिएशन के प्रधान अमनदीप सिंह तथा अन्य पदाधिकारियों ने ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड के अधिकारियों को मिनरल वाटर तैयार करने वाली फर्जी कम्पनियों की लिस्ट सौंपी और मांग की कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करने वाली इन कम्पनियों के मालिकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।