एल.ई.डी. लाइटें लगाने वाली कम्पनी भी हाईकोर्ट की शरण में गई

Edited By Anjna,Updated: 27 Mar, 2019 07:46 AM

led lights

नगर निगम जालंधर द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उस जिंदल कम्पनी से कानूनी जंग लड़ी जा रही है, जिसने शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट का कांट्रैक्ट लिया था।

जालंधर (खुराना): नगर निगम जालंधर द्वारा पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उस जिंदल कम्पनी से कानूनी जंग लड़ी जा रही है, जिसने शहर में सॉलिड वेस्ट मैनेजमैंट का कांट्रैक्ट लिया था। अब शहर की 65000 से ज्यादा स्ट्रीट लाइटों को एल.ई.डी. लाइटों में बदलने का 274 करोड़ रुपए का कांट्रैक्ट लेने वाली कम्पनी पी.सी.पी. इंटरनैशनल भी पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट की शरण में चली गई है। पी.सी.पी. कम्पनी ने उच्च न्यायालय में अर्जी दाखिल कर निगम और कम्पनी के बीच आॢबट्रेशन की मांग की है, ताकि दोनों पक्षों के बीच पेमैंट का विवाद सुलझाया जा सके।

मेन सड़कों पर लग चुकी हैं करीब 5000 लाइटें
पी.सी.पी. इंटरनैशनल को अकाली-भाजपा कार्यकाल दौरान तत्कालीन उप-मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल द्वारा दिए गए निर्देशों के बाद एल.ई.डी. प्रोजैक्ट अलॉट हुआ था। शुरूआती चरण में कम्पनी ने धीमी गति से कार्य किया और कांग्रेस सरकार बन जाने के बाद भी कम्पनी ने शहर की मेन सड़कों पर कुल 5000 के करीब एल.ई.डी. लाइटें लगा दीं। कुछ माह पहले कांग्रेस पार्षद रोहन सहगल ने एल.ई.डी. प्रोजैक्ट को बड़ा घोटाला बता कर हंगामा खड़ा कर दिया, जिसके चलते उन्होंने प्रदेश कांग्रेस प्रधान सुनील जाखड़ के अलावा लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू तक मामला पहुंचा दिया। सिद्धू ने एक्शन लेते हुए एल.ई.डी. प्रोजैक्ट रुकवा दिया और विजीलैंस जांच के आदेश दे दिए, जिसके बाद निगम ने कम्पनी से कहा कि जितना काम कम्पनी कर चुकी है उतनी पेमैंट ले जाए।  निगम प्रतिनिधियों और कम्पनी प्रतिनिधियों द्वारा अब तक हुए काम की पेमैंट में करोड़ों का अंतर आ रहा है। निगम जितनी राशि देने को तैयार है, कम्पनी उससे कई गुना अधिक की मांग कर रही है। अब कम्पनी ने हाईकोर्ट की शरण लेकर निगम को कानूनी दाव-पेंच में फंसा लिया है।

5000 में से 4500 एल.ई.डी. लाइटें पड़ी हैं बंद
पी.सी.पी. कम्पनी ने पिछले साल शहर में जो 5000 के करीब एल.ई.डी. लाइटें लगाई हैं, उनमें से करीब 4500 एल.ई.डी. लाइटें आजकल बंद पड़ी हैं जिसके कारण शहर की मुख्य सड़कें सारी रात अंधेरे में डूबी रहती हैं। निगम कई बार पी.सी.पी. कम्पनी से इन लाइटों को ठीक करने के बारे में आग्रह कर चुका है, परंतु कम्पनी द्वारा कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई जा रही है। निगमाधिकारियों का कहना है कि कम्पनी ने एल.ई.डी. लाइटों के अलावा कुछ टाइमर व स्टार्टर इत्यादि भी लगा रखे हैं जिन्हें कम्पनी प्रतिनिधि ही चालू या ठीक कर सकते हैं। इस कारण स्ट्रीट लाइटें बंद रहने की समस्या पेश आ रही है।

दीवाली तोहफे वाली एल.ई.डी. लाइटें अभी तक नहीं मिलीं
एल.ई.डी. प्रोजैक्ट बंद होने के बाद शहर के ज्यादातर पार्षदों में काफी मायूसी देखी गई थी, जो इस प्रोजैक्ट के तहत अपने-अपने वार्डों को चकाचौंध कर श्रेया लेना चाह रहे थे। ऐसे में पार्षदों के दबाव के चलते मेयर जगदीश राजा ने पिछले साल दीवाली गिफ्ट के रूप में सभी पुरुष पार्षदों को 20-20 और महिला पार्षदों को 25-25 एल.ई.डी. स्ट्रीट लाइटें देने की घोषणा की थी। इस कार्य के टैंडर लगाए गए, जिसे होशियारपुर के एक ठेकेदार ने लिया भी, परंतु आज तक ज्यादातर पार्षदों को एक भी एल.ई.डी. लाइट नहीं मिली है। पिछले दिनों विधायक सुशील रिंकू ने भी ठेकेदार को फोन कर अपने क्षेत्र के पार्षदों को लाइटें न दिए जाने पर नाराजगी जताई थी। अब मेयर जगदीश राजा ने संबंधित ठेकेदार को निर्देश दिए हैं कि सभी 80 वार्डों में 20-20 स्ट्रीट लाइटें तुरंत पहुंचाई जाएं और कल तक उन्हें रिपोर्ट दी जाए।

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