Edited By Vatika,Updated: 24 Jan, 2019 02:16 PM
रेलवे विभाग द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में सफाई के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लाखों रुपए खर्च करके यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर स्व‘छता अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन रेलवे के स्वच्छता अभियान के सारे दावे उस समय...
जालंधर (गुलशन): रेलवे विभाग द्वारा स्टेशनों और ट्रेनों में सफाई के बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं। लाखों रुपए खर्च करके यात्रियों और रेलवे कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर स्व‘छता अभियान भी चलाए जाते हैं लेकिन रेलवे के स्वच्छता अभियान के सारे दावे उस समय खोखले साबित होते नजर आ रहे हैं।
रेलयात्री संजय कुमार ने बताया कि उसने अमृतसर-नई दिल्ली एक्सप्रैस (12460) में जालंधर से नई दिल्ली जाना था। ट्रेन के डी-8 कोच में उनकी सीट बुक थी। ट्रेन जब अमृतसर से जालंधर सिटी रेलवे स्टेशन पर पहुंची तो कई कोचों पर नंबर प्लेटें ही नहीं लगी थीं। यात्री अपना कोच ढूंढने के लिए इधर-उधर भटकते रहे।संजय कुमार ने कहा कि जब वह अपने डी-8 कोच में पहुंचे तो ट्रेन के अंदर पूरी तरह गंदगी की भरमार थी। कोच के दरवाजे के पास पानी खड़ा हुआ था।
शौचालय गंदगी से भरे पड़े थे और वाशबेसिन की टैप भी टूटी हुई थी। अगर पहले ही स्टेशन पर ट्रेन में इतनी गंदगी है तो इसका मतलब ट्रेन में सफाई ही नहीं की गई। संजय ने कहा कि ऐसा लग रहा था कि जैसे ट्रेन यू.पी. बिहार की ओर से आई है। गंदगी के कारण उनका ट्रेन में सांस लेना भी मुश्किल हो रहा था। उन्होंने कहा कि बदबू की वजह से उन्होंने जालंधर से नई दिल्ली तक के सफर के दौरान कुछ नहीं खाया। संजय के अलावा अन्य यात्रियों ने भी फिरोजपुर मंडल के अधिकारियों से लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।