Edited By Vatika,Updated: 22 Oct, 2018 11:38 AM
पिम्स इम्प्लाइज यूनियन और प्रबंधन के बीच पिछले लंबे समय से चल रहे विवाद में नई डिवैल्पमैंट हुई है।इसके अंतर्गत यह विवाद अब माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। पिम्स इम्प्लाइज यूनियन की तरफ से सैक्रेटरी डा. साहिल के साथ 5 अन्य लोग...
जालंधर(अमित): पिम्स इम्प्लाइज यूनियन और प्रबंधन के बीच पिछले लंबे समय से चल रहे विवाद में नई डिवैल्पमैंट हुई है।इसके अंतर्गत यह विवाद अब माननीय पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है। पिम्स इम्प्लाइज यूनियन की तरफ से सैक्रेटरी डा. साहिल के साथ 5 अन्य लोग जिसमें राजेश कुमार, राजिंद्र कुमार, रवि कुमार, नरिन्द्र सिंह और जॉनसन शामिल हैं।
उन्होंने कुल 4 लोगों के खिलाफ एक याचिका दायर की है जिसमें प्रदेश सरकार की तरफ से प्रिं. सैक्रेटरी डिपार्टमैंट ऑफ मैडीकल एजुकेशन एंड रिसर्च के अलावा 3 अन्य जिसमें डायरैक्टर मैडीकल एजुकेशन एंड रिसर्च, बाबा फरीद यूनिवर्सिटी ऑफ हैल्थ साइंस और पिम्स शामिल हैं। इस याचिका में मुख्य रूप से असैंशियल सर्टीफिकेट की शर्तों का पालन न करने और उनका साफ तौर पर उल्लंघन करने को लेकर बात रखी गई है।
इस मामले में माननीय हाईकोर्ट द्वारा नोटिस ऑफ मोशन जारी किया गया है और इसकी अगली सुनवाई 18 मार्च, 2019 को रखी गई है। पिम्स विवाद में प्रदेश के सी.एम. कैप्टन अमरेंद्र सिंह के पास भी शिकायत भेजी जा चुकी है जिसमें पिम्स मैनेजमैंट के 5 अधिकारियों के खिलाफ जाति के आधार पर भेदभाव करने के गंभीर आरोप लगाए गए थे। इसके फलस्वरूप 2 कर्मचारियों नरिंद्र कुमार और धॄमद्र कुमार को बिना किसी कसूर के नौकरी से बर्खास्त किया गया था।