Edited By Naresh Kumar,Updated: 11 Apr, 2018 09:00 AM
पंजाब में रेत की कीमतों के मामले में छोटे किसानों को राहत दिए जाने को लेकर ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से उठाए गए मुद्दे का असर देखने को मिला है।
जालंधर (नरेश कुमार): पंजाब में रेत की कीमतों के मामले में छोटे किसानों को राहत दिए जाने को लेकर ‘पंजाब केसरी’ की तरफ से उठाए गए मुद्दे का असर देखने को मिला है। रेत के खनन को लेकर बनाई गई कैबिनेट सब-कमेटी के प्रमुख कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा है कि कमेटी की तरफ से तैयार की जा रही रिपोर्ट में छोटे किसानों को रैनबसेरों के लिए रेत के खनन की शर्तों के साथ इजाजत दी जाएगी।
गौरतलब है कि पंजाब के 117 विधायकों में से फिरोजपुर शहरी सीट से कांग्रेस के अकेले विधायक परमिन्द्र सिंह पिंकी ने ‘पंजाब केसरी’ द्वारा यह मुद्दा उठाया था और सरकार ने इस मुद्दे पर पिंकी की सलाह मान ली है। इसी मामले में पिंकी ने पंजाब के धार्मिक स्थानों (गुरुद्वारा, मंदिर, मस्जिद, चर्च) के निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाली रेत, बजरी को डी-कंट्रोल किए जाने की मांग की है और कहा है कि इन स्थानों से रेत और बजरी के बदले कोई कीमत नहीं ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थान सभी के सांझे है और इन धार्मिक स्थानों से कोई भी व्यक्ति लाभ वसूली नहीं कर सकता तथा अलग-अलग धर्मों के लोग अपनी आस्था के चलते धार्मिक स्थानों पर जाते हैं। लिहाजा इनके निर्माण के लिए इस्तेमाल होने वाली रेत, बजरी में भी राज्य को लाभ नहीं कमाना चाहिए।
इससे पहले परमिन्द्र सिंह पिंकी ने रेत के खनन को लेकर रिपोर्ट तैयार कर रही कैबिनेट की सब-कमेटी को किसानों के हक में सलाह दी थी। पिंकी ने कहा था कि किसानों को अपने घर के निर्माण और रैनबसेरे के लिए अपने खेत में से रेत निकालने की इजाजत होनी चाहिए और यह इजाजत 10 फुट तक की खुदाई के लिए दी जानी चाहिए। पिंकी की इस सलाह को नवजोत सिंह सिद्धू की अगुवाई वाली कमेटी ने कबूल कर लिया है और इसे 15 दिन बाद आने वाली इस कमेटी की सिफारिश में शामिल किया जा रहा है तथा सिद्धू ने इस मामले में खुद भी मीडिया के साथ बातचीत में इस बात की पुष्टि कर दी है।