Edited By Vatika,Updated: 23 Mar, 2019 11:06 AM
परिवहन विभाग द्वारा आम जनता की सहूलियतों को देखते हुए कुछ साल पहले पूरे प्रदेश में खोले गए आटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक की शुरूआत की गई थी। ट्रैक पर कैमरे कई-कई दिनों तक खराब रहते हैं जिसका सारा खमियाजा केवल आम जनता को ही भुगतना पड़ता है।
जालंधर (अमित): परिवहन विभाग द्वारा आम जनता की सहूलियतों को देखते हुए कुछ साल पहले पूरे प्रदेश में खोले गए आटोमेटिड ड्राइविंग टैस्ट ट्रैक की शुरूआत की गई थी। ट्रैक पर कैमरे कई-कई दिनों तक खराब रहते हैं जिसका सारा खमियाजा केवल आम जनता को ही भुगतना पड़ता है।
इसी कड़ी में आज ट्रैक पर अपने लाइसैंस के लिए टैस्ट देने हेतु आने वाले आवेदकों को दोपहर तक परेशानी झेलनी पड़ी क्योंकि कैमरों में आई तकनीकी खराबी के कारण चौपहिया वाहनों का एक भी टैस्ट दोपहर तक शुरू नहीं हो पाया। हालांकि दोपहिया वाहनों का टैस्ट सुबह से आम दिनों की भांति चालू रहा। इसी बीच आम जनता की परेशानी को समझते हुए ट्रैक पर तैनात स्टाफ ने अपनी निजी जिम्मेदारी मानते हुए देर शाम तक टैस्ट लिए ताकि अधिक से अधिक लोगों के टैस्ट लिए जा सकें। स्टाफ ने ओवरटाइम लगाकर कुल 262 टैस्ट लिए हैं।
वहीं ट्रैक पर लगे कैमरे को अगर सीधा पावर देकर चलाया जाता तो वह बिल्कुल ठीक तरह से काम करता था मगर जैसे ही उसको टावर के ऊपर फिट किया जाता था वह शार्ट सर्किट होकर बंद हो जाता था। वहीं लैब टैक्नीशियन संदीप कुमार ने मौके पर जाकर फाल्ट को ठीक करने के लिए प्रयास किया और कैमरे को किसी टेप से अच्छी तरह से कवर करके टावर पर फिट करने का सुझाव दिया जिससे वह शार्ट सर्कट नहीं होगा और न ही फिट करने वाले को करंट लगेगा। संदीप की सुझाई तरकीब काम कर गई और कैमरे ने सही ढंग से काम करना आरंभ कर दिया।