Edited By Vatika,Updated: 15 Jun, 2018 10:58 AM
शहर में चोरों व लुटेरों पर अंकुश लगाने व उन पर नजर रखने के लिए पुलिस का तीसरी आंख प्रोजैक्ट तो पूरी तरह से फ्लॉप हो ही चुका है, अब खाकी वर्दी के खौफ से जनता भी तीसरी आंख से दूर भागने लगी है। चोर-लुटेरों के डर से शहर की जनता ने अपने घरों में ही...
जालंधर(रविंदर): शहर में चोरों व लुटेरों पर अंकुश लगाने व उन पर नजर रखने के लिए पुलिस का तीसरी आंख प्रोजैक्ट तो पूरी तरह से फ्लॉप हो ही चुका है, अब खाकी वर्दी के खौफ से जनता भी तीसरी आंख से दूर भागने लगी है। चोर-लुटेरों के डर से शहर की जनता ने अपने घरों में ही सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने शुरू कर दिए थे, मगर खाकी वर्दी का खौफ अब जनता के सिर भी चढ़ कर बोलने लगा है।
मिली जानकारी के मुताबिक जिस घर में चोरी हो जाती है, उस घर के डी.वी.आर. को पुलिस अपने साथ ले जाती है। अगर जिस घर में चोरी हुई है, वहां सी.सी.टी.वी. नहीं है तो पड़ोस के घर का डी.वी.आर. पुलिस जांच के लिए अपने साथ थाने ले जाती है, मगर हैरानी की बात यह है कि महीनों ये वापस जनता को नहीं मिल पाते हैं। कई-कई महीने अपने डी.वी.आर. वापस लेने के लिए जनता थानों के चक्कर लगा रही है, मगर उनके हाथ कुछ नहीं आता। अब डर के मारे लोगों ने अपने घरों में सी.सी.टी.वी. कैमरे लगाने ही बंद कर दिए हैं।
अगर किसी घर में सी.सी.टी.वी. लगा भी है तो वे इस बात को पुलिस से छुपाना चाहते हैं। पिछले कुछ महीनों में शहर के अलग-अलग थानों की पुलिस ने ऐसे ही जनता के घरों में लगे डी.वी.आर. जांच के बहाने कब्जे में लिए और वापस नहीं किया। इसकी शिकायतें उच्चाधिकारियों तक भी पहुंच चुकी हैं, मगर अभी तक इस मामले में कोई सुनवाई नहीं हो सकी है। आम जनता का कहना है कि पब्लिक का फर्ज है कि वह पुलिस को अपराध के खिलाफ सहयोग करे। वारदात के बाद सी.सी.टी.वी. अपराधियों के खिलाफ एक अहम सुराग होते हैं। पुलिस पूरे शहर में सी.सी.टी.वी. कैमरे नहीं लगा सकती, मगर जनता से इसका सहयोग जरूर ले सकती है, मगर पुलिस जनता का साथ लेने की बजाय परेशान करना ही शुरू कर देती है। ऐसे में इसका पूरा लाभ अपराधियों को मिलता है।