Edited By swetha,Updated: 23 Mar, 2019 09:01 AM
आर्थिक तंगी से जूझ रहे इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए आमदन के संसाधन जुटाने हेतु बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में ट्रस्ट डिफाल्टर हो चुकी 29 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को जब्त करने जा रहा है।
जालंधर(पुनीत): आर्थिक तंगी से जूझ रहे इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट ने आर्थिक रूप से समृद्ध होने के लिए आमदन के संसाधन जुटाने हेतु बड़े स्तर पर कार्रवाई शुरू कर दी है। इसी क्रम में ट्रस्ट डिफाल्टर हो चुकी 29 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी को जब्त करने जा रहा है। यह वही प्रॉपर्टी है जिसकी किस्तें इत्यादि अदा नहीं की गई हैं। ट्रस्ट द्वारा 29 करोड़ की प्रॉपर्टी को जब्त कर 50 करोड़ के करीब आमदन जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया जा रहा है। जिस समय उक्त प्रॉपर्टी बेची गई थी उसके दाम कम थे, जो अब बढ़ चुके हैं। ड्रा के जरिए जो रिहायशी प्लॉट निकाले गए थे, उनका रिजर्व प्राइस बेहद कम था। इन्हीं प्लॉटों को मार्कीट कीमत के हिसाब से बेचने की ट्रस्ट की योजना है।
ट्रस्ट द्वारा इस प्रॉपर्टी से संबंधित लोगों को कई बार नोटिस दिए गए, लेकिन उसका संतुष्ट जवाब नहीं मिला। इसके चलते ट्रस्ट ने अब इस प्रॉपर्टी को जब्त कर अगली कार्रवाई हेतु प्रयास तेज कर दिए हैं। ट्रस्ट द्वारा इस प्रॉपर्टी की नीलामी भी करवाई जा सकती है। प्रॉपर्टी को जब्त कर ट्रस्ट द्वारा मार्कीट ट्रैंड के हिसाब से बेची जाएगी। आने वाले दिनों में इस पर बड़ी कार्रवाई होगी। ट्रस्ट की 250 करोड़ रुपए के करीब की देनदारियां हैं जिसने ट्रस्ट की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इसमें सबसे अहम देनदारी एन्हांसमैंट के 100 करोड़ रुपए हैं, जिसका केस सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
वहीं पंजाब नैशनल बैंक का 112 करोड़ का लोन भी अहम है, क्योंकि ट्रस्ट द्वारा अदायगी न करने के चलते बैंक द्वारा ट्रस्ट की प्रॉपर्टी गुरु गोङ्क्षबद सिंह एवेन्यू को नीलाम करने की तैयारी कर ली गई है। ट्रस्ट ने सरकार से भी 200 करोड़ से अधिक की मदद मांगी है, लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू होने के कारण फंड मिलने की उम्मीद कम है। ट्रस्ट इस संबंध में चंडीगढ़ बैठे वरिष्ठ अधिकारियों के संपर्क में है। ट्रस्ट के चेयरमैन दीपर्व लाकड़ा ने ट्रस्ट की विभिन्न योजनाओं को लेकर चंडीगढ़ में वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की।
44 स्कीमों से 33.50 करोड़ रुपए एन्हांसमैंट वसूलने का लक्ष्य
ट्रस्ट ने खाली प्लॉटों इत्यादि की लिस्टें तैयार की हैं। ट्रस्ट अपनी 44 स्कीमों से नॉन-कंस्ट्रक्शन चार्जिस के रूप में 33 करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। आगामी वित्तीय वर्ष (1 अप्रैल) में ट्रस्ट द्वारा नॉन-कंस्ट्रक्शन पर शुरूआत से ही फोकस किया जाएगा। ट्रस्ट द्वारा स्कीम लॉन्च होने के बाद 15 वर्ष की समयावधि निर्माण के लिए दी जाती है, जो व्यक्ति इस समय में निर्माण नहीं करता, ट्रस्ट उससे नॉन-कंस्ट्रक्शन चार्जिस वसूल करता है। मौजूदा समय में पूरे जालंधर में ट्रस्ट की सभी स्कीमों में केवल 2 स्कीमें ही ऐसी हैं जिन्हें 15 वर्ष का समय नहीं हुआ है। इसके अलावा सभी स्कीमों पर उक्त नियम लागू होता है। ट्रस्ट अधिकारियों का कहना है कि नॉन-कंस्ट्रक्शन हेतु समय-समय पर नोटिस भिजवाए जा रहे हैं।