कोर्ट से राहत मिलने पर इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट कर्मचारियों को जगी वेतन मिलने की आस

Edited By swetha,Updated: 10 Dec, 2018 08:16 AM

improvement trust jalandhar

सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के चलते इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट कर्मचारियों को वेतन मिलने की आस जग गई है लेकिन वेतन मंगलवार के बाद ही रिलीज हो सकता है क्योंकि ट्रस्ट की ई.ओ. सोमवार को चंडीगढ़ में मीटिंग हेतु जा रही हैं, मंगलवार को भी वह शायद बाद दोपहर ही...

जालंधर(पुनीत): सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के चलते इम्प्रूवमैंट ट्रस्ट कर्मचारियों को वेतन मिलने की आस जग गई है लेकिन वेतन मंगलवार के बाद ही रिलीज हो सकता है क्योंकि ट्रस्ट की ई.ओ. सोमवार को चंडीगढ़ में मीटिंग हेतु जा रही हैं, मंगलवार को भी वह शायद बाद दोपहर ही ट्रस्ट दफ्तर पहुंचे। ट्रस्ट कर्मचारियों के वेतन की डिटेल भी अभी नहीं बन पाई है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट में पेशी के चलते ई.ओ. सुरिन्द्र कुमारी द्वारा सैलरी रिलीज करने पर रोक लगाई गई थी, अब चंूकि कोर्ट से 2 माह की मोहलत मिली है इसलिए वेतन जारी हो जाएगा।

ट्रस्ट के खाते में 1.25 करोड़ से अधिक की राशि है जबकि ट्रस्ट कर्मचारियों का वेतन 35 लाख के करीब बनता है। पिछले दिनों 94.97 एकड़ स्कीम की किस्तें जमा करवाने के अंतिम दिन ट्रस्ट के खाते में 12 लाख से अधिक की राशि जमा हुई थी। ट्रस्ट के सुपरिंटैंडैंट इंजीनियर व एस.डी.ओ. का तबादला हो चुका है इसलिए वेतन की डिटेल को रिवाइज किया जाना है। आर्थिक  तंगी के हालातों से गुजर रहे ट्रस्ट के कर्मचारियों को कई बार समय पर वेतन नहीं मिल पाया है जिसके चलते उनके लोन की किस्तें लेट हुईं और अधिक ब्याज अदा करना पड़ा है।

चंडीगढ़ में ट्रस्ट मीटिंग के दौरान ट्रस्ट अधिकारियों द्वारा आॢथक तंगी का हवाला देकर मदद की मांग की जाएगी। इसमें ट्रस्ट द्वारा नगर निगम को मदद के रूप में दिए गए 36 करोड़ रुपए वापस दिलवाने को कहा जाएगा। वहीं ट्रस्ट द्वारा नीलामी करवाने हेतु चंडीगढ़ भेजी गई फाइल को क्लीयर करने हेतुभी रिक्वैस्ट की जाएगी ताकि ट्रस्ट अपनी जायदादें बेचकर राजस्व प्राप्त कर सके। अधिकारियों का कहना है कि ट्रस्ट पर 225 करोड़ से अधिक की देनदारियां हैं जिन पर विस्तारपूर्वक चर्चा की जाएगी ताकि इनका हल निकाला जा सके। 

इन देनदारियों में 100 करोड़ से अधिक की एनहांसमैंट, पी.एन.बी. का 125 करोड़ से अधिक का लोन बकाया शामिल है। तंगी के हालातों में ट्रस्ट की स्कीमों में विकास कार्य भी बंद पड़े हैं जिसके चलते ट्रस्ट की किरकिरी हो रही है और अधिकारियों को लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। वहीं ट्रस्ट के ठेकेदारों के बिलों का भुगतान भी समय पर नहीं हो पा रहा जिस कारण ठेकेदार भी अगला काम करने से कतरा रहे हैं। 

जब्त होने वाले प्लाटों का सर्वे शुरू
ट्रस्ट द्वारा 15 साल बाद भी प्लाट पर निर्माण न करने वाले प्लाटों को जब्त करने के लिए सर्वे शुरू किया गया है जिसके चलते अब लिस्टें बनाई जा रही हैं कि किस स्कीम में कितने प्लाट खाली पड़े हैं। 2017 में जब प्लाट जब्त करने की कार्रवाई शुरू हुई थी तो लोगों ने इसके लिए समय मांगा था जिस पर ट्रस्ट ने सरकार के पास लोगों की मांग पहुंचाई थी। इस उपरांत 31.10.18 तक का समय दिया गया था जो कि अब खत्म हो चुका है जिस कारण अब प्लाट जब्त होंगे। ट्रस्ट द्वारा बसाई गई कालोनियों में केवल 2 ऐसी स्कीमें हैं जिनके प्लाट जब्त नहीं होंगे क्योंकि इन्हें बसे अभी 15 साल नहीं हुए हैं। इनमें 170 एकड़ सूर्या एन्क्लेव व महाराजा रणजीत सिंह एवेन्यू स्कीम शामिल हैं। इन दोनों को छोड़कर बाकी सभी स्कीमों के प्लाट जब्त होंगे। ट्रस्ट द्वारा वे प्लाट भी जब्त किए जाएंगे जिनकी रजिस्टरियां हो चुकी हैं। यहां बताने योग्य है कि निर्माण की तिथि खत्म होने से पहले गुरु गोङ्क्षबद सिंह एवेन्यू सहित कई स्कीमों में निर्माण कार्यों ने तेजी पकड़ी है।

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