Edited By Vatika,Updated: 12 Jul, 2018 10:06 AM
अवैध बिल्डिंगों के मामले में चाहे लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अत्यंत सख्त तेवर अपनाए हुए हैं और पिछले दिनों उन्होंने अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों के मामले में लापरवाही व नालायकी बरतने वाले 9 बड़े अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया था परंतु अभी...
जालंधर (खुराना): अवैध बिल्डिंगों के मामले में चाहे लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने अत्यंत सख्त तेवर अपनाए हुए हैं और पिछले दिनों उन्होंने अवैध बिल्डिंगों व कालोनियों के मामले में लापरवाही व नालायकी बरतने वाले 9 बड़े अधिकारियों को सस्पैंड कर दिया था परंतु अभी भी निगमाधिकारी शायद नवजोत सिद्धू को गम्भीरता से नहीं ले रहे।
इसका एक उदाहरण उस समय मिला जब निगम कमिश्नर द्वारा लोकल बॉडीज मंत्री नवजोत सिद्धू को भेजी गई 34 अवैध बिल्डिंगों की रिपोर्ट मात्र खानापूर्ति दिखाई दी। यह रिपोर्ट लेकर मेयर जगदीश राजा चंडीगढ़ गए थे परंतु मंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाने से पूर्व ही मेयर जगदीश राजा ने निगमाधिकारियों की बड़ी लापरवाही पकड़ ली जिसके अनुसार निगमाधिकारी अपनी चमड़ी बचाने हेतु अवैध बिल्डिंगों के मामले में कई महत्वपूर्ण तथ्य नवजोत सिद्धू से छिपा रहे थे। निगम कमिश्नर द्वारा दी गई खानापूर्ति वाली रिपोर्ट को देखते हुए मेयर जगदीश राजा ने निगम कमिश्नर को सख्त लफ्जों वाला एक पत्र लिखा है जिसमें कहा गया है कि 6 जुलाई को तैयार करके दी गई 34 बिल्डिंगों/कालोनियों की रिपोर्ट तसल्लीबख्श तथा स्पष्ट नहीं है। रिपोर्ट में बिल्डिंगों के विवरण अधूरे हैं। रिपोर्ट के अनुसार ज्यादा बिल्डिंगों पर कार्रवाई मंत्री नवजोत सिद्धू के 14 जून के दौरे के बाद की गई है जबकि यह कार्रवाई निगम द्वारा नोटिस दिए जाने के बाद निर्धारित अवधि में की जानी चाहिए थी। मेयर ने कमिश्नर को साफ शब्दों में कहा है कि सभी 93 बिल्डिंगों व कालोनियों बारे विस्तारपूर्वक रिपोर्ट 7 दिनों के भीतर दी जाए ताकि उसे मंत्री के समक्ष रखा जा सके। मेयर के तेवरों के बाद नगर निगम के बिल्डिंग विभाग में नया खौफ पैदा हो गया है।
नगर निगम की रिपोर्ट में पाई गई कई कमियां
ब्रयू मास्टर
निगम का जवाब कि टैरेस फ्लोर के अवैध प्रयोग तथा फायर फाइटिंग अरैंजमैंट न होने के कारण ब्रयू मास्टर को सील कर दिया गया है। मेयर ने पूछा है कि इस बिल्डिंग को मंत्री के दौरे के बाद ही क्यों सील किया गया। स्पष्ट किया जाए कि निगम ने इसे पहले सील क्यों नहीं किया।
पापा व्हिस्की
मॉडल टाऊन के इस पब बारे भी निगम ने एक लाइन का जवाब दिया कि टॉप फ्लोर को सील कर दिया गया है परन्तु मेयर का सवाल था कि सीलिंग नवजोत सिद्धू के दौरे से पहले की गई या बाद में। अगर बाद में की गई तो स्थिति स्पष्ट की जाए।
संघा चौक
यहां बनी 3 बिल्डिंगों में पार्किंग न होने, कम चौड़ी सड़क पर बनी होने तथा फ्रंट पोर्शन को तोडऩे बारे रिपोर्ट पर मेयर का सवाल कि बिल्डिंग की मौके मुताबिक रिपोर्ट दी जाए। क्या डैमोलेशन के बाद पार्किंग पूरी हो गई? क्या डैमोलेशन के बाद बिल्डिंग कम्पाऊंडेबल है?
ढिलवां रोड पर कमर्शियल कालोनी
निगम ने नोटिसों तथा 7 मई को जारी डैमोलेशन नोटिस बारे जवाब दिया। मेयर ने पूछा 2 महीने कार्रवाई क्यों नहीं की?
राजनगर दुकानें
अवैध रूप से बनी दुकानों को 6 अप्रैल को नोटिस निकाला गया परन्तु इन्हें & जुलाई को सील किया गया। मेयर का कहना है कि नवजोत सिद्धू के 14 जून के दौरे तक निगम ने इन दुकानों पर कार्रवाई क्यों नहीं की?
बस स्टैंड के सामने दुकानें
निगम ने 13 अप्रैल को डैमोलेशन नोटिस जारी करने का हवाला दिया परन्तु कार्रवाई मंत्री सिद्धू के दौरे के बाद ही की गई। मेयर ने इस पर भी सवाल उठाया।
कमर्शियल कालोनी संतोखपुरा
निगम ने नोटिसों तथा डैमोलेशन का हवाला दिया परन्तु मेयर का सवाल कि कालोनी के पूरे रकबे और मंत्री के दौरे से पहले कार्रवाई न करने बारे स्थिति स्पष्ट की जाए।
जुल्का टावर मॉडल टाऊन
निगम ने बताया कि कम्प्लीशन सर्टीफिकेट लेने के बाद अवैध रूप से 2 फ्लोर बना लिए गए जिन बारे नोटिस 8 जून को निकाला गया। मामला अदालत में पैंडिंग है। मेयर ने पूछा कि 2 फ्लोर में क्या वायलेशन है डिटेल रिपोर्ट दी जाए।
होटल डब्ल्यू.जे. ग्रैंड
निगम ने कहा कि फ्रंट सैट-बैक व पार्किंग एरिया कवर किया गया। मेयर ने पूछा मंत्री नवजोत सिद्धू के दौरे के बाद ही विवादित फ्लोर को सील क्यों किया गया?
लद्देवाली रोड 2 दुकानें
जुलाई 2017 में नक्शे सौंपे गए पर अवैध रूप से दुकानें बन गईं जिन पर निगम ने साल भर कोई कार्रवाई नहीं की। मेयर ने पूछा कि नवजोत सिद्धू के दौरे के बाद 3 जुलाई को दुकानें सील क्यों की गई?
बल्र्टन पार्क के निकट दुकान
निगम का जवाब कि अवैध दुकान को 5 जुलाई 2018 को नोटिस भेज दिया गया है। मेयर की रिपोर्ट है कि इस बिल्डिंग बारे शिकायत &1 मई को आई, 14 जून को नवजोत सिद्धू ने दौरा किया, जबकि नोटिस दौरे के बाद 5 जुलाई को जारी होता है। तब तक कोई कार्रवाई न करने बारे स्थिति स्पष्ट की जाए।
विरासत हवेली
निगम का जवाब था कि अवैध निर्माण व सी.एल.यू. न होने के चलते 25 जनवरी 2018 को नोटिस निकाला गया और 2 फरवरी को बिल्डिंग सील कर दी गई। 2 फरवरी की शाम को ही जनहित में सील खोल दी गई। मामला अदालत तथा लोकपाल में पैंङ्क्षडग है। मेयर ने सवाल उठाया कि 2 फरवरी को सील लगाई और शाम को खोल दी गई। जनहित में फंक्शन हो जाने के बाद 3 फरवरी को बिल्डिंग दोबारा सील क्यों नहीं की गई?