Edited By Punjab Kesari,Updated: 23 Mar, 2018 09:29 AM
शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अवकाश घोषित कर दिया गया। ऐसी खबर गुरुवार को सोशल मीडिया पर सुॢखयों में छाई रही। व्हाट्स एप व अन्य माध्यमों से वायरल हुई इस खबर ने सुबह से लेकर शाम तक हड़कंप मचाए रखा। देर शाम तक...
जालंधर (अमित): शहीद भगत सिंह के शहीदी दिवस 23 मार्च को प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अवकाश घोषित कर दिया गया। ऐसी खबर गुरुवार को सोशल मीडिया पर सुॢखयों में छाई रही। व्हाट्स एप व अन्य माध्यमों से वायरल हुई इस खबर ने सुबह से लेकर शाम तक हड़कंप मचाए रखा। देर शाम तक अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच इस बात को लेकर असमंजस वाली स्थिति बरकरार रही कि प्रदेश सरकार ने आरक्षित छुट्टियों में से 23 मार्च को सरकारी छुट्टी घोषित की है या फिर यह एक झूठी खबर है।
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सोशल मीडिया पर कुछ ऐसे वैब-पोर्टल थे जिन्होंने प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के हवाले से यह खबर चलाई कि कै. अमरेंद्र सिंह ने छुट्टी घोषित कर दी है। इसके फलस्वरूप सारे सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ शैक्षणिक संस्थानों में भी अवकाश रहेगा। बहुत से अधिकारियों के फोन पर सारा दिन केवल इसी बात की जानकारी मांगने वालों के फोन आते रहे कि छट्टी की खबर सच्ची है या फिर झूठी। अधिकारियों तक को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि वे फोन करने वालों को क्या जवाब दें।सबसे अधिक बुरा हाल डी.सी. दफ्तर में देखने को मिला, क्योंकि पूरे जिले से डी.सी. के स्टैनो एवं पी.ए. को लोग लगातार फोन कर केवल यही जानकारी मांगते रहे थे कि 23 मार्च को छुट्टी है या नहीं? स्टैनो व पी.ए. लगातार आ रही फोन काल्स से काफी परेशान हो गए और हर किसी को यही जवाब देते रहे कि फिल्हाल कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और न ही नोटीफिकेशन की कोई कापी आई है।
दूर-दराज के इलाकों और शहर से बाहर नौकरी करने वाले सरकारी मुलाजिमों व टीचरों को भी इस परेशानी का सामना करना पड़ा। खासतौर पर महिला कर्मचारियों को छुट्टी का पता लगाने में खासी दिक्कत हुई, क्योंकि हर किसी का यही कहना था कि अगर छुट्टी की बात सही है, तो वह शुक्रवार का प्रोग्राम उसी तरह से बनाएं। नवरात्रों के त्यौहार की वजह से महिला कर्मचारियों के बीच इस बात की काफी जिज्ञासा देखने को मिली, क्योंकि उनका मानना था कि अगर शुक्रवार को अवकाश होता है, तो वे अष्टमी और श्री रामनवमी की तैयारियां कर सकती हैं। देर शाम को चंडीगढ़ से पिं्रसीपल सैक्रेटरी को बाकायदा तौर पर घोषणा करनी पड़ी, जिसके बाद स्थिति साफ हुई।