आर.टी.ओ. में प्राइवेट कारिंदों व एजैंटों के साम्राज्य में चल रहा हाईटैक कार्यालय

Edited By Sunita sarangal,Updated: 05 Feb, 2020 09:15 AM

hitech office running in rto with empire of private agents

लाइसैंस, रजिस्ट्रेशन, परमिट, टैक्स सहित ज्यादातर कामों के ऑनलाइन होने के बावजूद कार्यालय में चरम सीमा पर व्याप्त है भ्रष्टाचार

जालंधर(चोपड़ा): रिजनल ट्रांसपोर्ट कार्यालय (आर.टी.ओ.) में प्राइवेट कारिंदों व एजैंटों के साम्राज्य में हाईटैक कार्यालय चल रहा है। यूं तो आर.टी.ओ. में कहने को सभी कार्य कायदे-कानून के मुताबिक होते हैं मगर सभी विभागीय नियम केवल वहां कार्य करवाने आने वाले आम इंसान के लिए होते हैं। ड्राइविंग लाइसैंस, रजिस्ट्रेशन, परमिट, टैक्स प्रक्रिया या अन्य कोई भी काम हो, आम आदमी दिन भर इधर से उधर धक्के खाता रहता है परंतु उसका काम नहीं होता। आर.टी.ओ. में तैनात अधिकारियों का मदद करना तो बहुत दूर, कोई सीधे मुंह बात तक नहीं करते। हां, अगर आपने जेब से चंद नोटों की ‘पत्तियां’ निकाल लीं तो फिर कोई टैंशन नहीं क्योंकि कार्यालय में अनेकों प्राइवेट कारिंदे व दलाल आपकी टैंशन मात्र चंद मिनटों में दूर करने को वहां मौजूद रहते हैं। 

आर.टी.ओ. में प्राइवेट कारिंदों व एजैंटों का साम्राज्य इस कदर चल रहा है कि चपड़ासी से लेकर अधिकारियों तक का काम यह लोग संभाल रहे हैं। पंजाब सरकार द्वारा लाइसैंस, वाहनों की रजिस्ट्रेशन सहित ज्यादातर कामों के ऑनलाइन होने के बाद भी आर.टी.ओ. में ‘दलाल राज’ हावी है। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह व परिवहन मंत्री रजिया सुल्ताना चाहे लाख दावे करें कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं होगा, परंतु आर.टी.ओ. कार्यालय की तरफ शायद किसी का ध्यान नहीं जाता। अगर ऐसा होता तो शायद यहां चल रहे ‘खेल’ की कुछ परतें तो जरूर उधड़तीं। सुबह आर.टी.ओ. कार्यालय बाद में खुलता है, एजैंटों का काम दफ्तर के बाहर पहले शुरू हो जाता है। 

कार्यालय में अधिकारियों से पहले प्राइवेट कारिंदे आकर अपनी ड्यूटी संभाल लेते हैं और फाइलों की आड़ में भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है। सरकारी फाइलें हों या कम्प्यूटर हरेक काम को पूरा करते प्राइवेट कारिंदें व उनके सहायक बने एजैंट आम देखे जा सकते हैं। आर.टी.ओ. ने प्राइवेट कर्मचारियों के हौसले को इस कदर बुलंद कर दिया कि उन्होंने अपने स्तर पर दलाल तक पाल लिए हैं जो उनकी मौजूदगी में उन्हीं के सामने लोगों से बेखौफ डील करते हैं। 

राजनीतिक दलों के कई पदाधिकारी भी कर रहे एजैंटी
राजनीतिक पार्टियां चाहे जन सेवा के जितने चाहे दावे करें परंतु आर.टी.ओ. में अनेकों एजैंट ऐसे भी सक्रिय हैं जोकि विभिन्न राजनीतिक पाॢटयों से संबंध रखते हैं और कइयों ने तो उक्त पार्टियों के पद तक हासिल किए हुए हैं। ऐसे एजैंट बेहद ही धड़ल्ले के साथ कार्यालय में खुद के पकड़े काम करवाते हैं। अधिकारियों व उनके प्राइवेट कारिंदों की मजबूरी होती है कि वह ऐसे एजैंटों के काम को इंकार नहीं कर पाते क्योंकि अगर वह राजनीतिक दलों से जुड़े एजैंटों को नाराज कर देंगे तो वह सरेआम आर.टी.ओ. में चल रहे भ्रष्टाचार के गोरख धंधे की पोल खोल देंगे। 

PunjabKesari, HiTech office running in Rto with empire of private agents

मिन्नी आर.टी.ए. के कार्यालय की चालान खिड़की पर भी रहता है कब्जा
आर.टी.ए. (रिजनल ट्रांसपोर्स अथारिटी) नयन जस्सल के साथ जिले भर में नाके लगाकर वाहनों के दस्तावेज चैक करने और उनके चालान करने को लेकर कार्यालय में मशहूर मिन्नी आर.टी.ए. ने चालान खिड़की पर भी अपना कब्जा जमा रखा है। यूं तो उक्त मिन्नी आर.टी.ए. को डाटा एंट्री आप्रेटर के तौर पर विभाग में प्राइवेट तौर पर रखा गया है परंतु आर.टी.ए. का चहेता होने के कारण उसे असीम शक्तियां मिली हुई हैं।उक्त कर्मी रोजाना चालान खिड़की पर तैनात होकर लोगों से चालान के बदले रकम वसूल कर उन्हें रसीदें भी इशू करता है। उक्त कर्मचारी की विभाग में ऐसी तूती बोलती है कि कार्यालय में बड़े से बड़ा काम करवाना उसका चुटकियों का खेल है। सूत्रों के अनुसार कुछ वर्ष पहले आर.टी.ओ. में पड़े विजीलैंस के छापे के दौरान उक्त मिन्नी आर.टी.ए. विजीलैंस अधिकारियों की राडार पर भी आ चुका है।

बड़ा सवाल आखिर कौन देता है प्राइवेट कारिंदों को वेतन?
आर.टी.ओ. में कोई भी अधिकारी ऐसा नही है जिसके साथ 2-3 प्राइवेट कारिंदे काम न कर रहे हों। ऐसे में बड़ा सवाल यह पैदा होता है कि आखिरकार इन प्राइवेट कारिंदों को वेतन कौन देता है? क्योंकि सरकारी रिकार्ड में उक्त कारिंदों का कोई भी जिक्र शामिल नहीं है। ऐसे में प्राइवेट कारिंदों की मौजूदगी आर.टी.ओ. में व्याप्त भ्रष्टाचार का सबसे पुख्ता प्रमाण है और इसी भ्रष्टाचार की काली कमाई का कुछ हिस्सा इन प्राइवेट कारिंदों की जेब में जाता है और बाकी की रकम संबंधित अधिकारी को मिलती है। 

अधिकारियों की कुर्सी पर भी डेरा जमाए रहते हैं प्राइवेट कारिंदे 
आर.टी.ओ. में प्राइवेट कारिंदे व एजैंट धड़ल्ले से काम करते हैं बल्कि वह अधिकारियों की कुर्सियों तक पर बैठ कर काम करते आम दिखाई देते हैं। आर.टी.ओ. में काम के संदर्भ में आए आम व्यक्ति को पता ही नहीं चलता कि कुर्सी पर बैठा इंसान वास्तव में अधिकारी है या विभागीय कर्मचारी।

नौसरबाज एजैंट भी सक्रिय, काम के बदले धन ऐंठ कर हो जाते हैं फरार 
आर.टी.ओ. में कई ऐसे नौसरबाज एजैंट भी सक्रिय हैं जोकि लोगों के काम करवाने के बदले उनसे धन ऐंठ कर फरार हो जाते हैं। ऐसे में संबंधित व्यक्ति का काम तो नहीं हो पाता पर रुपए जरूर ठग लिए जाते हैं। पिछले महीनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं कि ठग एजैंटों ने चालान भुगताने सहित अन्य काम करवाने आए व्यक्ति को बहला-फुसला कर उससे रुपए ले लिए और फिर किसी बहाने से चंद मिनटों में ही वहां से गायब हो गया। पीड़ित व्यक्ति सारा दिन उस एजैंट को ढूंढता ही रह जाता है। 

प्राइवेट कारिंदों व एजैंटों के पीछे पूरा सिंडीकेट होता है 
प्राइवेट कारिंदों व एजैंटों के पीछे पूरा सिंडीकेट काम करता है। इनकी मौजूदगी सिर्फ आर.टी.ओ. तक ही नहीं रहती बल्कि आटोमेटिड ड्राइविंग सैंटर तक में इनका पूरा राज चलता है। एजैंट हर सुबह जगह-जगह से फाइलें लाकर प्राइवेट कारिंदों को देते हैं व शाम तक ‘चढ़ावे’ के ‘खेल’ से फाइलें पास हो जाती हैं। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!