Edited By Vatika,Updated: 12 Apr, 2018 11:15 AM
दलित वर्ग द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताए जाने तथा धर्म परिवर्तन की धमकी दिए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौकन्ना हो गया है। संघ ने अब उन इलाकों पर नजर जमा ली है जहां पर 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के जन्मदिवस पर दलित समाज...
जालंधर(पाहवा): दलित वर्ग द्वारा केंद्र सरकार के खिलाफ रोष जताए जाने तथा धर्म परिवर्तन की धमकी दिए जाने के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ चौकन्ना हो गया है। संघ ने अब उन इलाकों पर नजर जमा ली है जहां पर 14 अप्रैल को बाबा साहेब भीमराव अम्बेदकर के जन्मदिवस पर दलित समाज ने धर्म परिवर्तन का ऐलान किया है।
यही नहीं संघ की विचारधारा वाले संगठनों ने दलित वर्ग में पैठ बना कर उन्हें समझाने-बुझाने का काम आरंभ कर दिया है। ये लोग बाकायदा दलित वर्ग के लोगों से कह रहे हैं कि समस्या जो भी है, उसे सुलझा लिया जाएगा। शिकायतों को दूर किया जाएगा, धर्म परिवर्तन न किया जाए। 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान हुई हिंसा के बाद कुछ इलाकों में दलित उत्पीडऩ की शिकायतें आ रही हैं। कुछ दलित सांसदों ने भी नाराजगी जाहिर की है। दलितों की नाराजगी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने गंभीरता से लिया है। संघ ने भी इस मामले में अपने स्वयं सेवकों को कहा है कि वे दलित बस्तियों का दौरा करें तथा स्थिति पर गौर करें।
इसी निर्देश पर संघ के लोग दलित बस्तियों में जाकर बैठकें कर रहे हैं तथा डैमेज कंट्रोल में लगे हैं। इस दौरान दलितों को समझाने की कोशिश की जा रही है कि उनके हितों को सुरक्षित रखने का काम मोदी सरकार बेहतर तरीके से कर सकती है। उधर, इस वर्ष के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़ व मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। इन राज्यों में संघ समर्थित दलित संगठन समरसता संकल्प यात्रा का आयोजन करने जा रहे हैं। इसकी शुरूआत 30 अप्रैल को जयपुर से होगी। भारतीय बौद्ध संघ इस यात्रा का आरंभ करने जा रहा है।