Edited By Updated: 04 Jun, 2016 09:24 AM
गौसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद जी के गायब होने के पीछे बूचडख़ाने वालों का हाथ तो नहीं
जालंधर (धवन): गौसेवा मिशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी कृष्णानंद जी के गायब होने के पीछे बूचडख़ाने वालों का हाथ तो नहीं है, इसे लेकर गौसेवा भक्तों में अलग-अलग चर्चाएं शुरू हो गई हैं। स्वामी कृष्णानंद ने पंजाब में गौहत्या के खिलाफ काफी समय से अभियान चलाया हुआ था था राज्य में घनौरी कलां व गढ़शंकर सहित 16 बूचड़खानों को बंद करवाया था।
गौभक्तों ने कहा कि स्वामी कृष्णानंद को पिछले 4 महीनों से नुक्सान पहुंचाने की धमकियां भी मिल रही थीं। यह मामला गौभक्तों ने पंजाब सरकार के ध्यान में ला दिया था परन्तु उसके बावजूद सरकार द्वारा उनकी सुरक्षा के लिए उचित प्रबंध नहीं किए गए। गौसेवा कमिशन के चेयरमैन कीमती भगत ने कहा कि बूचडख़ानों के बंद होने से उन्हें भारी नुक्सान झेलना पड़ रहा था इसलिए वे स्वामी कृष्णानंद के खिलाफ हो गए थे। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटों के भीतर स्वामी कृष्णानंद का पता नहीं चला तो कल सुबह 10 बजे तक राज्य भर से गौभक्तों को बीनेवाल कुटिया (गढ़शंकर) पहुंचने के लिए कह दिया गया है। कल को एक नई संघर्ष की रणनीति गौभक्तों द्वारा तैयार की जाएगी। कीमती भगत ने इस मामले में आज पंजाब के मुख्यमंत्री तथा डी.जी.पी. से भी बात की है जिन्होंने स्वामी कृष्णानंद का पता लगाने का भरोसा दिया है।
दूसरी तरफ गौभक्तों का यह भी मानना है कि स्वामी कृष्णानंद ने गोचर भूमियों पर हुए अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चलाया हुआ था। इन गोचर भूमियों की कीमत अब करोड़ों-अरबों में पहुंच चुकी है। गौभक्तों का कहना है कि संभवत: भू-माफिया का हाथ भी इसके पीछे होने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि रात को स्वामी कृष्णानंद स्वयं कार चलाकर नहीं जा सकते थे। यद्यपि वह कार स्वयं चलाना जानते थे परन्तु उनकी आंखों की दृष्टि कमजोर हो गई थी इसलिए वह रात को कार नहीं चलाते थे। अभी स्वामी जी के गायब होने को लेकर अलग-अलग थ्यूरियां चल रही हैं।