Edited By Updated: 29 Apr, 2016 05:14 PM
पूर्व भारतीय हाकी कप्तान व विधायक परगट सिंह का मुख्य संसदीय सचिव के रूप में शपथ लेने से इंकार शिरोमणि अकाली दल (ब) में विद्रोह की पहली निशानी है।
जालंधर : पूर्व भारतीय हाकी कप्तान व विधायक परगट सिंह का मुख्य संसदीय सचिव के रूप में शपथ लेने से इंकार शिरोमणि अकाली दल (ब) में विद्रोह की पहली निशानी है। अकाली दल के सीनियर नेताओं के रवैए पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए सीनियर कांग्रेसी नेता हंसराज हंस ने कहा कि यदि देश की शान परगट सिंह व उनके जैसे पद्मश्री अवार्डी व्यक्ति अकाली दल में अपनी बात नहीं रख सकते तो समय आ चुका है कि अकाली दल के पैट्रन व अकाली दल के प्रधान मामले की गंभीरता को समझें। एक बड़ा हिस्सा अकाली दल को छोडऩे व कांग्रेस में शामिल होने के लिए सही समय का इंतजार कर रहा है क्योंकि वह जानता है कि अगली सरकार कांग्रेस की ही बनने वाली है।
इस दौरान अकाली दल में रहते हुए उनके साथ संबंधों बारे खुलासा करते हुए हंस ने कहा कि पंथक पार्टी कार्पोरेट पार्टी बन चुकी है जिसमें अकाली नेताओं व पंथक एजैंडों की सोच के लिए कोई स्थान नहीं बचा है। किसी का भी नाम लिए बगैर हंस ने अकाली दल के बुरे हालात के लिए वर्तमान नेतृत्व पर हमला बोला। सीनियर नेता किसी का भी पार्टी में स्वागत कर सकते हैं परंतु वे उनको अपने साथ बनाए नहीं रख सकते और फिर वे उनका अपमान करना शुरू कर देते हैं। आगामी 5 महीनों में आप वर्तमान नेतृत्व में अकाली दल को टूटते हुए देखेंगे।
इस क्रम में अकाली दल, भाजपा व आप को छोडऩे के लिए तैयार ऐसे नेताओं को अपील करते हुए हंस ने कहा कि पंजाब में कैप्टन अमरेंद्र सिंह के नेतृत्व में अगली सरकार कांग्रेस की बनेगी। कांग्रेस ही एकमात्र पार्टी है जो समाज के सभी वर्गों में आधार रखती है और उनको मजबूत बनाती है। इन नेताओं को कांग्रेस में शामिल होना चाहिए व कांग्रेस नेतृत्व के हाथ मजबूत करने चाहिएं। उन्होंने कहा कि अन्य राजनीतिक पाॢटयों के बहुत से नेता उनके सम्पर्क में हैं और वे जल्द ही कांग्रेस का हिस्सा बनेंगे।