Edited By Urmila,Updated: 08 Aug, 2022 05:35 PM
जी.एस.टी. विभाग द्वारा लगातार अपने दायरे में बढ़ौतरी की जा रही है ताकि सरकार को मिलने वाले टैक्स को बढ़ाया जा सके।
जालंधर (पुनीत): जी.एस.टी. विभाग द्वारा लगातार अपने दायरे में बढ़ौतरी की जा रही है ताकि सरकार को मिलने वाले टैक्स को बढ़ाया जा सके। इस लड़ी में जी.एस.टी. परिषद की पिछली रिपोर्ट के अनुसार खाने-पीने की पैक सामग्री को जी.एस.टी. के दायरे में शामिल किया गया है। केंद्र सरकार द्वारा जी.एस.टी. का घेरा बढ़ाया जा रहा है लेकिन इसके बावजूद राज्य जी.एस.टी. विभाग की नजर से अब भी कई सर्विस सेक्टर अभी बचे हुए हैं। उन पर ध्यान देने से पंजाब सरकार को हर वर्ष करोड़ों रुपए टैक्स के रूप में मिलेंगे और सरकार का टैक्स बढ़ेगा।
इसलिए विभाग को उचित कदम उठाते हुए अधिक बिक्री वाले जाने-माने ब्यूटी पार्लर और मसाज सेंटरों को जी.एस.टी. के तहत पंजीकृत होना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि जालंधर में मसाज पार्लरों का प्रचलन बहुत अधिक है और अधिकांश मसाज पार्लरों की कमाई प्रति वर्ष 20 लाख से ऊपर बताई जाती है परंतु इसके बावजूद अधिकांश ब्यूटी पार्लर और मसाज सेंटर जी.एस.टी. टेक्स अदायगी पर ध्यान नहीं देते हैं, जिस कारण विभाग को चूना लग रहा है। सर्विस सेक्टर की बात करें तो मसाज पार्लर, स्पा सेंटर, ब्यूटी पार्लर आदि जी.एस.टी. के घेरे में आते हैं परंतु फिर भी उन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
ऐसा कहा जा सकता है कि विभाग अन्य कार्यों में व्यस्त हुआ है इसलिए विभागीय टीमों को इस पहलू पर ध्यान देने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पा रहा है। सर्विस सेक्टर में आते मसाज पार्लर आदि बॉडी केयर से जुड़े कार्यों में शामिल हैं और इनकी कई सर्विसेज पर ज्यादातर 18 फीसदी जी.एस.टी. दरें लागू होती हैं। ब्यूटी पार्लर में मसाज, स्पा, पेडीक्योर, मैनीक्योर आदि कई ऐसी सेवाएं हैं जिस पर ज्यादातर लोगों की ओर से जी.एस.टी. का भुगतान नहीं किया जा रहा।
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